सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर मंगलवार शाम अंतिम फैसला आ गया है। 10वीं की तरह इस साल के लिए परीक्षा रद्द हो गई हैं। ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। बैठक में परीक्षा के आयोजन से जुड़े सभी संभावित विकल्पों पर चर्चा करने के बाद ये फैसला लिया गया है। इस फैसले से करीब 14 लाख छात्रों को बड़ी राहत मिली है।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। कोरोना के बीच बच्चों पर तनाव डालना ठीक नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल के माहौल में बच्चों को तनाव देना उचित नहीं है। बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते हैं। 12वीं कक्षा के नतीजे समयबद्ध तरीके से एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के तहत बनाए जाएंगे।
कैसे होगी मार्किंग-
सीबीएसई कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए एक उचित क्राइटीरिया के आधार पर मार्किंग की जाएगी जिसके बाद रिजल्ट तैयार होगा। पहले की तरह इस बार भी छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा जो छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे वो दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।
इस तरह जारी होगा रिजल्ट-
बैठक खत्म होने के बाद रिजल्ट को लेकर भी फैसला लिया गया है। सीबीएसई कक्षा 12वीं का रिजल्ट ऑब्जेक्टिव क्राइटीरिया के आधार पर समयबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा।
‘छात्रों को मजबूर नहीं करना चाहिए’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कक्षा 12वीं की सीबीएसई परीक्षा का फैसला छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हमारे लिए छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है और इससे बिल्कुल भी समझौता नहीं किया जा सकता। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में परीक्षा को लेकर चिंता थी जिसका अंत होना चाहिए था।