मथुरा। पिछले चार दिनों से मौत से जिंदगी की जंग लड़ रहा बुलियन कारोबारी नीरज अग्रवाल के बेटे शौर्य ने भी दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। शौर्य की मौत के बाद मृतक नीरज अग्रवाल के परिवार में कोहराम मचा हुआ है तो जानने वाले भी सकते में है। बेटे शौर्य की मौत के बाद इस हत्याकांड की गुत्थी और उलझ गयी है। पुलिस के पास इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए अकेला शौर्य की सहारा था लेकिन इस चिराग के बुझ जाने के बाद पुलिस की मुश्किलें ओर बढ़ गयी है। आपको बता दे कि इस हत्याकांड में बुलियन कारोबारी नीरज, उनकी पत्नी नेहा और बेटी धान्या की मौत हो गयी थी। पुलिस को शौर्य घायल अवस्था में कार में मिला था।
नोटबन्दी के दौरान करोड़ के काले धन को सफेद करने के मामले में आर.एस बुलियन फर्म के मालिक नीरज अग्रवाल चर्चा में आये थे। नीरज, उनकी पत्नी नेहा, बेटी धान्या और पुत्र शौर्य 31 जनवरी की रात को जगन्नाथ पुरी से दिल्ली मयूर विहार के लिए निकले थे। दूसरे दिन सुबह थाना जमुनापार के गांव झज्जर के समीप यमुना एक्सप्रेसवे के पुल के समीप बंद कार में खून से लथपथ नीरज, उनकी पत्नी और बेटी के शव मिले थे जबकि घायल हालत में बेटेे शौर्य की सांसे चल रही थींं। पुलिस ने शौर्य को नयति अस्पताल में भर्ती कराया था।
हालत गंभीर होने पर स्वजन शौर्य को अपोलो अस्पताल, दिल्ली में लेकर गए। उसके सिर और गले का ऑपरेशन किया गया। वह घटना के दिन से ही कोमा में था। उसके भी सिर में गोली लगी थी। शुरुआत में पुलिस इस मामले को खुदकुशी बता रही थी लेकिन मृतक नीरज अग्रवाल के साले अमित अग्रवाल ने घटना की नामजद रिपोर्ट थाना जमुनापार में कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि महाविद्या कॉलोनी निवासी मनीष चतुर्वेदी, आशीष अरोड़ा, आशीष चतुर्वेदी और नीरज कुमार ने उसके जीजा बहन भांजी की हत्या कर दी और गोली मारकर भांजे को घायल कर दिया है। अमित की रिपोर्ट के बाद मामला उलझ गया और उम्मीद की जा रही थी कि शौर्य अग्रवाल के ठीक होने के बाद हकीकत सामने आ जाएगी कि तीनों की हत्या की गई है या खुदकुशी का मामला है।
इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझ सके इसके लिए पुलिस प्रयास कर रही थी तो लोग भी दीपक व मोमबत्ती जलाकर प्रभु से शौर्य के स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे थे लेकिन यह दुआ काम न आई और शनिवार देर रात को इस घटना का अंतिम चश्मदीद गवाह शौर्य ने भी दम तोड़ दिया।