आगरा। दबंगो की दरिंदगी का शिकार हुई एक बालिका अपने परिजनों के साथ इंसाफ पाने के लिए चक्कर काट रही है। बालिका के बरामदगी के 6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने उसका मेडिकल नही कराया है जिससे बालिका बुरी तरह से टूट गयी है और परिवार भी दहशत में है। परिवार ने जब अपना आक्रोश दर्ज कराया तो पुलिस ने 6 दिन बाद बालिका को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। परिजनों का आरोप है कि थाना पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए मेडिकल कराने में देरी की है।
मामला फतेहपुर सीकरी के गाँव नगला हरगोबिंद का बताया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने बताया कि 3 जनवरी को बालिका अचानक से गायब हो गयी थी जिसकी रिपोर्ट थाने में लिखाई गयी थी। 17 जनवरी को पुलिस ने बालिका बबली की बरामदगी कर ली और तभी से बालिका बबली फतेहपुर सीकरी थाने में है। पांच दिन बाद पुलिस को बबली का मेडिकल कराने की याद आई है जबकि उसने अपने साथ सामुहिक दुष्कर्म होने की बात कही थी।
पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव के ही दबंग अजीत और दीवान सिंह ने बालिका बबली का 3 जनवरी को अपहरण किया और रामपुरा थाना सैंया बाग में ले जाकर अपने दो अन्य साथियों के साथ दुष्कर्म किया। सामूहिक दुष्कर्म के बाद दीवान सिंह उसे अपनी बड़ी बहिन की ससुराल महलपुर रुदावल जिला भरतपुर ले गया और वहां भी सभी ने दुष्कर्म किया। इतना ही नही आरोपियों ने बबली बेचने की योजना बनायी और उसे जिस्म फ़रोसी के दलालों को बेचने के लिये मलाह जयपुर रोड़ भरतपुर ले गए लेकिन यहाँ सौदा न पटने के कारण बबली को फिर आशावाद जिला फिरोजाबाद ले जाया गया। 17 जनवरी को रेडलाइट एरिया राधा गली में उसका सौदा कर दिया गया लेकिन गनीमत रही कि वहां अचानक पुकिस में कार्यवाही की और बबली को बरामद कर लिया गया।
पीड़ित परिवार ने बताया कि उक्त पूरी जानकारी बबली ने महिला दरोगा को 161 के बयान में दी थी लेकिन इसके बावजूद थाना पुलिस ने उसका मेडिकल नही कराया। 17 जनवरी को बबली की बरामदगी होने के बावजूद बबली का मेडिकल 22 जनवरी को कराया गया है। इससे साफ है कि थाना पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।