आगरा। बीती 16 अप्रैल को जगदीशपुरा थाने में युवक को थर्ड डिग्री और 2 लाख 40 हजार रुपए की लूट के मामले में नया मोड़ सामने आया है। हालांकि इस मामले में एसएसपी आगरा अमित पाठक ने एसपी क्राइम आगरा को जांच सौंपी है। तकरीबन 15 दिन का समय गुजरने के बावजूद भी जांच अधिकारियों की जांच आगे नहीं बढ़ी है।
पीड़ित के शरीर पर थर्ड डिग्री देने वाले पुलिसकर्मियों पर आरोप अभी तक तय नहीं हो पाए है तो वहीं इस मामले में आए नए मोड़ के मुताबिक एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में ट्रैफिक पुलिस का सिपाही निशांत चौहान एसओजी सिपाही बनकर युवक जितेंद्र सिंह राठौर को घर से लेकर आ रहा है।
बीती 16 अप्रैल की रात को गली के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में साफ देखा जा रहा है कि मोटरसाइकिल पर तैनात ट्रैफिक पुलिस का सिपाही निशांत चौहान युवक को पहले मोटरसाइकिल पर बिठाकर लाता है और फिर उसे बाद में जगदीशपुरा पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। जहां जगदीशपुरा पुलिस रात भर पैसा वसूलने के लिए युवक की खाल उधेड़ देती है और फिर युवक का चालान कर दिया जाता है।
सवाल यह उठता है कि आखिर ट्रैफिक पुलिस का सिपाही एसओजी का सिपाही बनकर कैसे अवैध उगाही कर सकता है। इस मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी बोलने को राजी नहीं है। मामला साफ है कि पुलिस पुलिस को बचाने का कार्य कर रही है तो वहीं इस वीडियो वायरल होने के बाद जब ट्रैफिक पुलिस के सिपाही निशांत चौहान से बात की गई तो निशांत चौहान ने साफ कहा कि यह मामला अधिकारियों के संज्ञान में है।
अब देखना होगा कि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच अधिकारी कब तक जांच पूरी करते हैं और कब ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही होती है।