आगरा। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने मानसून के दौरान होने वाले जलभराव को देखते हुए शहर के सभी नाले नालियों पर से सख्ती से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद से नगर निगम की टीम ने अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई के लिए कमर कस ली है। बुधवार को निगम की टीम ने रामनगर पुलिया से लेकर शंकरगढ़ पुलिया तक नाले नालियों पर दुकानदारों द्वारा बनाये गये स्थाई अतिक्रमण को हटवाया।
नाले की पुलिया को तोड़ कर चौड़ा किया गया। सुबह ग्यारह बजे शुरु किया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान शाम पांच बजे तक चला। इस दौरान दर्जनों स्थानों से अस्थाई व स्थाई अवैध निर्माणों को बुलडाजरों के माध्यम से ढहा दिया गया। अभियान के दौरान मौके पर लोगों की भीड़ लगी रही।
सड़क किनारे अवैध निर्माण कर दुकानदारों के द्वारा अक्सर नालों को पाट दिया जाता है। इससे नाले व नालियों की ठीक प्रकार से सफाई नहीं हो पाती है। नाले नालियों के चोक हो जाने के कारण नालों के ओवरफ्लो होने से गंदा पानी सड़कों व निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में घुस कर समस्या पैदा करता है। गंदगी के कारण मच्छर मक्ख्यिों से लोग परेशान रहते हैं। इस प्रकार की शिकायतें नगर निगम प्रशासन के पास अक्सर आती रहती हैं। इसी को लेकर नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने बैठक बुलाकर संबंधित अधिकारियों को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाए जाने के निर्देश दिये थे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक नगरायुक्त अशोक गौतम बताया कि तीन दिन पूर्व ही निगम की ओर से इस क्षेत्र में अनाउंसमेंट करा कर अतिक्रमण हटाने की अपील की गई। इसके बावजूद लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाये तो निगम ने अभियान चालू किया है। उन्होंने बताया कि प्रभारी प्रवर्तन अधिकारी डाक्टर अजय कुमार के निर्देशन में अभियान को प्रारंभ किया गया।
डाक्टर अजय ने बताया कि हालांकि इस दौरान कुछ दुकानदारों ने इसका विरोध भी किया लेकिन क्षेत्रीय सभासद गुडडू मेनन और अधिकारियों के समझाने पर लोग अतिक्रमण हटवाने को राजी हो गये। अतिक्रमण को हटाये जाने के लिए तीन जेसीबी का उपयोग किया गया। उन्होंने बताया कि अभियान कल भी जारी रहेगा और टाटा गेट तक अतिक्रमण हटाये जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि नालों पर पक्के निर्माण करने के बजाय वे लोहे के जाल डाल सकते हैं जिससे नालों की सफाई में भी कोई दिक्कत नहीं आएगाी। नाले से निकाली गई सिल्ट को सूखने के बाद हटा दिया जाएगा। इस दौरान एसएफआई रामजी, जेई पवन कुमार के अलावा प्रवर्तन दल के सदस्य भी मौजूद रहे।