आगरा। ताजमहल दीदार के लिए पर्यटकों की रखी गई सीमित संख्या को समाप्त करने के लिए आगरा के महापौर नवीन जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय राज्य मंत्री पर्यटन प्रहलाद सिंह पटेल को पत्र लिखा है। जिसमें महापौर ने मांग की है कि प्रतिदिन 5000 टिकट बिक्री की सीमित संख्या को हटा दिया जाए, साथ ही कोरोना से पहले की व्यवस्था को पुनः लागू किया जाए जिससे आगरा पर्यटन से जुड़े लाखों लोगों को उनका रोजगार वापस मिल सके।
आगरा नगर निगम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए महापौर नवीन जैन ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते सम्पूर्ण भारत वर्ष में लाॅकडाउन हुआ, तब सभी प्रकार के उद्योग धन्धे, छोटे-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान व सभी पर्यटन स्थलों को बन्द कर दिया गया था, लेकिन अब क्रमवार तरीके से अनलाॅक करते हुए सभी प्रकार के उद्योग एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान व पर्यटन स्थलों को खोल दिया गया है। यातायात आवागमन भी शुरु हो चुका है। ट्रेन, बस व हवाई यात्रा का संचालन विधिवत रुप से शुरु हो चुका है, परन्तु देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक ताजमहल को लेकर अभी भी बंदिशें जारी हैं।
वीकेंड और छुट्टियों में भी आगरा आने वाले पर्यटकों की संख्या 20 से 30 हजार हो जाती थी। क्योंकि इन दिनों 1 दिन में अधिकतम 5000 टिकट ही बुक हो सकती है। इसके चलते पर्यटक मायूस होकर दशहरा घाट और मेहताब बाग की ओर जाकर ही ताज की झलक देखकर लौट रहा है।
महापौर ने कहा कि आगरा शहर में पर्यटन उद्योग से जुड़े लाखों लोगों के चिंताजनक आर्थिक हालातों को देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री व केंद्रीय पर्यटन मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि ताजमहल में पर्यटकों की सीमित संख्या को पूरी तरह समाप्त किया जाए। ऑनलाईन बुकिंग के साथ-साथ ऑफलाईन टिकट बिक्री को भी बढ़ाया जाए।
महापौर ने कहा कि पर्यटकों की संख्या सीमित है और सिर्फ ऑनलाईन बुकिंग की जा रही है, जिससे ब्लैक टिकट का धंधा बड़ गया है, जिसके कारण ताजमहल पर लपकों का गिरोह भी सक्रिय हो गया है। जब अनलाॅक प्रक्रिया के दौरान सभी प्रकार की गतिविधियों को शुरु कर दिया गया है तो ताजमहल पर इस प्रकार से बंदिशें क्यों हैं।
महापौर नवीन जैन ने पीएम मोदी और केंद्रीय पर्यटन मंत्री से माॅग की है कि कोरोना काल से पूर्व की भांति ताजमहल की सभी व्यवस्थाएं यथावत रखी जाएं, क्योंकि आगरा एक पर्यटक नगरी है और आगरा की एक बड़ी अर्थव्यवस्था ताजमहल पर निर्भर है। होटल, ट्यूरिज्म, रेस्टोरेंट, एम्पोरियम आदि से जुड़े हुए लाखों लोग आज भी काम की तलाश में घूम रहे हैं।