आगरा। भले ही डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़ा शिक्षक और छात्र संघ विश्वविद्यालय कुलपति की हठधर्मिता और तानाशाही रवैया को लेकर लगातार विरोध जता रहे हो लेकिन सच्चाई यही है कि प्रवेश, परीक्षा और परिणाम की व्यवस्था में सुधार लाने के साथ कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित विश्वविद्यालय की खोई हुई गरिमा को भी वापस लौट आने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों से अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ऐसे कई कदम उठाए गए हैं जिससे प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय का एक बार फिर से नाम ऊंचा होता नजर आ रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए 83वें दीक्षांत समारोह के टॉपर छात्रों की परीक्षा कॉपियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉक्टर गिरजाशंकर शर्मा ने बताया कि इस कदम के पीछे यह मंशा है कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र न केवल टॉपर से प्रभावित हो बल्कि उन कॉपियों का मूल्यांकन कर वह खुद को तैयार कर उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के काबिल बन सकें।
विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि टॉपर्स की कॉपियों को सार्वजनिक करने का कदम पूरे उत्तर प्रदेश में केवल आगरा विश्वविद्यालय ने ही उठाया है।
वहीं दूसरी तरफ आगरा विश्वविद्यालय समय से परीक्षा शुरू कर चुका है। लगभग आधी परीक्षा गुजरने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा कॉपियों का मूल्यांकन भी शुरू कर दिया है। पीआरओ गिरजा शंकर ने उम्मीद जताई है कि 15 जून तक समस्त मूल्यांकन कार्य पूरा कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। जबकि 10 जुलाई से अगले सत्र के लिए प्रवेश की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो सकती है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के साथ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की एक वीडियो कांफ्रेंस बैठक हुई थी जिसमें डिप्टी सीएम ने आगरा विश्वविद्यालय के परीक्षा मॉडल को बेहतर बताया था। इसी तरह अगर कुलपति डॉ अरविंद दीक्षित विश्वविद्यालय व्यवस्था के सुधार की दिशा में कदम आगे बढ़ाते रहें तो जल्दी आगरा विश्वविद्यालय दूसरे विश्वविद्यालयों के लिए एक मिसाल बन सकता है।
बता दे किस शिक्षक संघ औटा ने जहां मूल्यांकन कार्य से बहिष्कार किया हुआ है तो वहीं एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन दिया जा रहा है। इन सबके बीच कुलपति अपने एक-एक कदम से विवि की उपलब्धियों को जोड़ते जा रहे हैं।