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महिला सहित 3 बच्चों की निर्मम हत्या का हुआ ख़ुलासा, चचेरा भाई है मुख्य आरोपी

by admin
The ruthless murder of 3 children including a woman was exposed, cousin is the main accused

Agra. कोतवाली थाना क्षेत्र में कूचा साधूराम की चौबेजी वाली गली में 21 जुलाई को हुए चौहरे हत्याकांड का खुलासा आगरा पुलिस ने कर दिया है। इस मामले में रिश्ते के चचेरे भाई संतोष राठौर ने अपने साथी अंशुल के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को अंजाम देकर जेल भेज दिया है। इस पूरी घटना का खुलासा आईजी नवीन अरोरा ने किया। पूरे हत्याकांड को लूट व तगादे से बचने के लिए अंजाम दिया गया।

21 जुलाई को हुई थी हत्या –

21 जुलाई को साधुराम की चौबेजी वाली गली में रहने वाली 35 साल की रेखा राठौर व उनके तीन बच्चों वंश, पारस और माही की नृशंस हत्या कर दी थी लेकिन इसकी जानकारी 22 जुलाई को ईद के दिन हुई। रेखा राठौर व उसके तीन बच्चों टुकटुक, पारस और माही का शव खून से लथपथ घर में पड़ा मिला था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में 21 जुलाई को मौत की पुष्टि हुई। चारों के गले काटकर उनकी सांस की नली को भी रेता गया था। हत्या करने वाले का बहुत सधा हुआ हाथ था। मंझले बेटे पारस और छोटी माही को सोते समय ही मार दिया गया था। हत्यारे ने किसी को चिल्लाने तक का मौका नहीं दिया। इस हत्याकांड से क्षेत्र में दहशत का माहौल था तो वहीं पुलिस के लिए भी यह हत्याकांड सिरदर्द बन गया था और पुलिस इस हत्याकांड को खोलने के लिए दिनरात जुटी हुई थी।

जाँच पड़ताल में कई चौकाने वाले तथ्य आये सामने:-

इस हत्याकांड की छानबीन के दौरान कई चौकाने वाले खुलासे हुए थे। रेखा ने पति सुनील राठौर से तलाक लिया था और दो साल से अपने तीनों बच्चों के साथ इसी मकान में अकेली रह रही थी। मृतका रेखा के मोबाइल की काल डिटेल के आधार पर उससे वाट्स एप चैटिंग करने वाले जैनुद समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। मगर उनसे पूछताछ में कुछ सामने नहीं आया था तो वहीं मोबाइल का लॉक खोलने के मामले में एक्सपर्ट ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। जिसके बाद मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गयी। कोई सबूत न मिलने और इतनी सफाई से हत्याकांड को अंजाम देने पर पुलिस को किसी करीबी पर शक था। काफी छानबीन के बाद पुलिस के सामने आने के बाद मृतका रेखा के रिश्तेदार संतोष राठौर का नाम सामने आया।

फोन की लोकेशन मिलने और उसके गायब होने पर हुआ शक-

आईजी जोन नवीन अरोरा ने बताया कि संतोष की लोकेशन उस दिन मृतका के घर की थी और वो हत्याकांड के बाद से ही फरार था। जिसके बाद पुलिस उसकी धरपकड़ में जुट गई। संतोष को गिरफ्तार किए जाने पर इस हत्याकांड का ख़ुलासा हुआ। संतोष रेखा के पिता विनोद के फूफा बादाम सिंह का बेटा है जिसके चलते उसका आना जाना था।

लूट के लिए दिया सामूहिक हत्याकांड को अंजाम:-

आईजी जोन नवीन अरोरा ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि रेखा का उस पर करीब दो लाख रुपये कर्जा था। वह कूचा साधूराम का मकान बेचकर दिल्ली में शिफ्ट होना चाहती थी। इसलिए उस पर अपनी रकम लौटाने का दबाव बना रही थी। रेखा ने नौ महीने पहले उसे अपना नया एक्टिवा स्कूटर भी बेचने के लिए दिया था। इसकी रकम भी वह मांग रही थी।

इसलिए उसने रेखा की हत्या करने की साजिश रची। उसे रेखा के घर से तलाक के दौरान मिले छह से सात लाख रुपये मिलने की भी उम्मीद थी। वह 21 जुलाई की दोपहर 12 बजे साथी अंशुल और बीरू को मकान दिखाने के बहाने रेखा के यहां लेकर गया था। उसे जानकारी मिली थी कि रेखा के घर में 5 लाख नकद और तलाक की मिली मोटी रकम उसके पास है। इसलिए उसने रेखा की हत्या और लूट की योजना बनाई और प्री-प्लानिंग से इस घटना को अंजाम दिया है। 21 जुलाई को वो दोस्त अंशुल और धीरू बाल्मीकि को मकान का खरीदार बनाकर रेखा से मिलाने के लिए घर ले कर पहुँचा। करीब 12:30 से 4:15 तक घर में रहे। समोसे खाए और चाय पी। सिर्फ रेखा को मारने की प्लानिंग थी, इसलिए हथियार साथ नहीं ले गए थे। उन्होंने चाय में नशीली दवा पहले ही मिला दी थी और बेहोश होने पर घर पर रखी कैंची से रेखा का गला रेत दिया। इतने में रेखा का बड़ा बेटा टुकटुक अचानक कमरे में आ गया। उसने उन्हें देख लिया था इसलिए उसके साथ सभी बच्चों को मार दिया।

हत्या कर घूमने निकले हत्यारे-

वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे पुलिस से बचने के लिए शहर से बाहर चले गए। वो इस दौरान चित्रकूट, नोएडा समेत कई जगहों पर घूमे जिससें उन पर कोई शक न कर सके।

पुलिस ने इस हत्याकांड में संतोष और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपी संतोष के पास से गहने और नकदी बरामद हुई है।

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