आगरा। कोविड की संभावित तीसरी लहर का अधिक असर बच्चों पर पड़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। रविवार को जनपद के सभी स्वास्थ्य इकाईयों पर बच्चों के लिए मेडिसिन किट बांटने का शुभारंभ हुआ। हरीपर्वत ईस्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा की मौजूदगी में विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने फीता काटकर बच्चों के लिए मेडिसिन किट बांटने का शुभारम्भ किया।
बल्केश्वर स्थित संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय में महापौर नवीन जैन ने डॉ. पीके शर्मा और एसीएमओ डॉ. जनार्दन बाबू की मौजूदगी में मेडिसिन किट बांटने का शुभारंभ किया। जीवनी मंडी स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि रविवार को क्षेत्र की पार्षद नेहा अग्रवाल ने आशा कार्यकर्ताओं को बच्चों को दी जाने वाली मेडिसिन किट देकर अभियान का शुभारंभ किया। सीएचसी जेतपुर कलां में जिला पंचायत सदस्य भाव सिंह नरवारिया ने कार्यक्रम का उदघाटन किया।
फतेहपुर सीकरी में चेयरमैन त्रिलोक चंद डिथवारिया ने कार्यक्रम का उदघाटन किया। सीएचसी बाह पर विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने मेडिसिन किट का वितरण किया और सीएचसी का निरीक्षण किया। सीएचसी शमसाबाद पर भी आशा कार्यकर्ताओं को मेडिसिन किट दी गईं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने बताया कि कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए हमने तैयारी पूरी कर ली है। कोविड के लक्षणयुक्त बच्चों को निगरानी समिति के माध्यम से प्राथमिक तौर पर मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि बच्चे को समय से उपचार मिल सके। सीएमओ ने बताया कि जनपद में 690 निगरानी समिति कोविड की रोकथाम के लिए काम कर रही हैं, इनके माध्यम से ही घर-घर जाकर आशा लक्षणयुक्त बच्चों की लाइनलिस्टिंग करके उन्हें मेडिसिन किट उपलब्ध कराएंगी और इसके बाद विभाग की टीम बच्चे की कोविड जांच के लिए सैंपल लेगी।
डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि बच्चों के लिए चार तरीके की मेडिसिन किट बनाई गई हैं। पहली शून्य से 12 माह तक के शिशु के लिए, दूसरी एक से पांच साल तक के बच्चों के लिए, तीसरी पांच से 12 साल के बच्चों के लिए और चौथी 12 से 18 साल के बच्चों के लिए किट बनाई गई हैं। इन्हें ऐसे बच्चों को दिया जाएगा जिनमें कोविड के लक्षण तो हैं लेकिन जांच नहीं हुई है या जांच की रिपोर्ट ज्ञात नहीं हो सकी है।
इन लक्षणों को पहचानें
सीएमओ ने बताया कि अगर शिशु में लगातार 101 डिग्री से अधिक बुखार, अत्यधिक खांसी आना, पसली चलना, दूध एवं खुराक का लेना बंद कर देना, अत्यधिक रोना या निढाल पड़ जाना, पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर 94 फीसदी से कम का ऑक्सीजन स्तर आना परिलक्षित हो रहा है तो यह कोविड का लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत चिकित्सक की सहायता लेनी चाहिए। ऐसे बच्चों में कोविड प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना चाहिए।