बंगाल की खाड़ी से उठे साइक्लोन यास ने भारी तबाही मचाते हुए सैकड़ों तटीय गांव में विपदा के हालात पैदा कर दिए हैं। वहीं यास के तांडव से सैकड़ों तटीय गांव में पानी भर गया है। दरअसल बता दें कि पश्चिम बंगाल में तीन और ओडिशा में एक की मौत इस तबाही से हो चुकी है। मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ बंगाल में ही करीब एक करोड़ लोग इस तबाही से प्रभावित हुए हैं। बता दें लगातार हुई इस बारिश से ओडिशा बंगाल के कई जिले जलमग्न तक हो चुके हैं। वहीं नदियों का जलस्तर बढ़ता देखा गया और कई तटबंध इस दौरान टूट भी गए।
आपदा की इस मुश्किल घड़ी में एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगकर लोगों को सुरक्षित स्थान तक ले जाने के प्रयास में जुटी हुई हैं। चक्रवात यास के चलते ओडीशा के तटीय क्षेत्रों में करीब 128 गांव ज्वार भाटा और बारिश के लबालब भरे पानी से प्रभावित हुए हैं। वहीं ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने प्रभावित परिवारों के लिए 7 दिन तक राहत की घोषणा की है। जिसके तहत विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि उन 128 गांवों के लोगों को सात दिनों तक पका हुआ भोजन या खाना पकाने की सामग्री और सूखा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि आने वाले 6 घंटों में चक्रवात यास के उत्तर की ओर बढ़ने और उसके साथ ही धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना बनी हुई है। वहीं बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बंगाल और उड़ीसा में तबाही मचा चुका है । अब यह आगे बढ़ते हुए उत्तर के राज्यों को भी प्रभावित करने वाला है। वहीं महाराष्ट्र में तेज बारिश होना शुरू हो चुकी है।
चक्रवात ‘यास’ बुधवार देर रात 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं और भारी बारिश के साथ झारखंड की सीमा में पहुंच गया।
रिपोर्ट्स की मानें तो अगले 3 घंटे में यहां पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इतना ही नहीं इस तूफान का असर बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में देखने को मिल सकता है।बहरहाल, झारखंड के पश्चिमी सिंहपुर के जिला कलेक्टर ने कहा कि ” हमने 201 राहत शिविर बनाए हैं और 596 लोगों को निकाला है। निकासी की जा रही है। कुमारडुंगी में एनडीआरएफ की एक टीम लगाई गई है। चक्रवात यास कुमारडुंगी, मंझरी, चक्रधरपुर और चाईबासा से गुजरेगा। हमारे सभी ब्लॉक रेड अलर्ट पर हैं।