लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे सीमा विवाद को लेकर भारत चीन के मिलिट्री ऑफिसर के बीच 11वें दौर की बैठक कुछ ही पलों में शुरू होने वाली है। इस कमांडर लेवल की बातचीत में गोबरा ,हॉटस्प्रिंग और दिप्सॉन्ग में डिसएंगेजमेंट को लेकर चर्चा की जा सकती है। यह बैठक पूर्वी लद्दाख के चुसूल बीपीएम हट में होंगी। इस बैठक का नेतृत्व लेह में 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे।
अब तक 10 बैठकें संपन्न हो चुकी है जिसमें पूर्वी लद्दाख में उत्तरी और दक्षिणी पैगॉन्ग लेक इलाके में डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमति भी बनी थी। सेना के सूत्रों के अनुसार, इन इलाकों में डिसएंगेजमेंट के बाद दोनों देशों की सेना अपनी-अपनी परमानेंट पोस्ट तक पहुंच गए हैं।
इससे पूर्व भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की 10वीं बातचीत 21 फरवरी को संपन्न हुई थी जो कि करीब 16 घंटे तक चली थी। लेकिन उस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया था यही कारण था कि 1 महीने बाद फिर से दोनों देशों के बीच में बातचीत का दौर शुरू हो गया। मिलिट्री डिसएंगेजमेंट का मतलब है कि आमने-सामने रहीं दोनों देशों की सेनाओं का तय इलाके से पीछे हटना।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में इसके बारे में जानकारी साझा की थी। उनके मुताबिक, डिसएंगेजमेंट के लिए ये 7 फैसले हुए थे। वे सात फैसले इस प्रकार हैं-
1.दोनों देश फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट हटाएंगे। यानी दोनों देशों की जो टुकड़ियां, अब तक एक-दूसरे के बेहद करीब तैनात थीं, वहां से दोनों हटेंगी।
2.चीन अपनी टुकड़ियों को पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ बैंक में फिंगर-8 के पूर्व की तरफ रखेगा।
3.भारत अपनी टुकड़ियों को फिंगर-3 के पास परमानेंट थनसिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।
4.पैंगॉन्ग लेक से डिसएंगेजमेंट के 48 घंटे के अंदर सीनियर कमांडर स्तर की बातचीत होगी और बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाएगा।
5.लेक के नॉर्थ बैंक की तरह साउथ बैंक में भी डिसएंगेजमेंट होगा। (कब से होगा ये अभी नहीं बताया गया है।)
6.अप्रैल 2020 से दोनों देशों ने पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जो भी कंस्ट्रक्शन किए हैं, उन्हें हटाया जाएगा और पहले की स्थिति कायम की जाएगी।
7. दोनों देश नॉर्थबैंक पर पेट्रोलिंग को फिलहाल रोक देंगे पेट्रोलिंग जैसी मिलिट्री गतिविधियां तभी शुरू होंगी जब बातचीत से कोई समझौता बन जाएगा।