कृषि बिलों का विरोध करते हुए किसानों ने दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर बैठकर करीब 50 से ज्यादा दिन बिता दिए हैं। वहीं किसी वार्ता का कोई नतीजा न निकलने पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने 23 जनवरी को राजभवन घेरने और कृषि बिलों को निरस्त करने के लिए हर राज्य के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की रणनीति बनाई है।इसके साथ ही किसान संगठनों द्वारा इस बात की घोषणा पहले ही कर दी गई थी कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान संगठन ट्रैक्टर रैली निकालेंगे अलावा इसके किसान इस बात का आश्वासन भी दे रहे हैं कि 26 जनवरी को होने वाली परेड में वह किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं करेंगे।यहां तक कि रैली निकालने के लिए भी वह पुलिस से परमिशन मांगने की बात कह रहे हैं। हालांकि पुलिस इस रैली के विरोध में है जिसकी याचिका पर यह सुनवाई सोमवार को होना तय है। बता दें कि इस सुनवाई को तीन जजों की बेंच चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता में होगी
किसानों के ट्रैक्टर रैली का पुलिस विरोध कर रही है पुलिस का कहना है कि कोई भी रैली ऐसा विरोध जो गणतंत्र दिवस समारोह को बाधित करने और विचलित करने का प्रयास करता है वह राष्ट्र को शर्मिंदा करने वाला होगा। इससे दुनिया भर में देश की बदनामी होगी।साथ ही कानून व्यवस्था खराब होने की स्थिति भी बन सकती है।मिली जानकारी के हिसाब से किसान परेड वाले दिन लाल किले तक जाने की फिराक में हैं।
दी गई याचिका में कोर्ट को इस बात से अवगत करवाया गया कि चल रहे आंदोलन में कनाडा के संगठन सिख फॉर जस्टिस के बैनर भी लहरा रहे हैं आशंका जताई जा रही है कि खालिस्तान का समर्थक यह संगठन आंदोलन के लिए फंड मुहैया करवा रहा है।कई देश विरोधी घटनाओं में संदिग्ध PFI भी आंदोलन को भड़काने में लगा है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस बात को गंभीर बताते हुए केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा था।
क्रांतिकारी किसान संगठन के मुखिया दर्शन पाल ने कहा कि नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करना शुरू कर दिया है जो किसान आंदोलन का हिस्सा हैं या जिन्होंने इसका समर्थन किया है। इस बात की सभी किसान यूनियन घोर निंदा करते हैं।इस आंदोलन के चलते राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले करीब 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजे हैं।सभी किसान संगठन इसकी निंदा करते हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजा है। शनिवार को कई किसान नेताओं और कारोबारियों से पूछताछ भी की गई है।