आगरा। लंबित मानदेय भुगतान और विभाग में भ्रष्टाचार के विरोध में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को सैकड़ों आशा कार्यकर्ता डोर टू डोर सर्वे छोड़ सड़कों पर उतर आई। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने पहले पैदल मार्च निकाला और फिर हलवाई बगीची स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया।
सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश आशा बहू संघ के नेतृत्व में शहर और ग्रमीण क्षेत्र की 350 से अधिक आशा कार्यकर्ताएं गुरुद्वारा गुरु का ताल पर एकत्र हुईं। यहां से पैदल मार्च करते हुई हलवाई बगीची रोड से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय पहुँची। सीएमओ कार्यालय का गेट बंदकर आशाओं ने जमकर हंगामा काटा।
आशा बहू संघ की जिला अध्यक्ष पप्पी धनगर और जिला मंत्री सुनीत दुबे ने बताया कि कोरोना काल में आशाएं छह माह से डोर टू डोर सर्वे कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के अलावा प्रसूताओं के प्रसव, टीकाकरण एवं नसबंदी कार्य करती हैं, लेकिन फिर भी हमारा उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से पिछले छह माह का मानदेय और प्रोत्साहन राशि का विभाग ने उन्हें भुगतान नहीं किया है। स्वास्थ्य विभाग हमें रीढ़ की हड्डी कहता है लेकिन आशा बहुओं का विभाग में सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है। भुगतान के नाम पर एमओआईसी और नोडल अधिकारी भ्रष्टाचार करते हैं। बिना लेनदेन कोई काम नहीं होता
दोपहर ढाई बजे बजे नौ सूत्रीय ज्ञापन एसीएमओ को सौंपा गया। आशाओं ने 15 दिन में लंबित भुगतान नहीं होने पर जिले में सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार और आंदोलन की चेतावनी दी है।