आगरा। जिले में हाशिये पर चल रही कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता दिन-रात पार्टी को मजबूत करने के लिए खून पसीना बहाने में लगे हुए हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी आपसी खींचतान की भेंट चढ़ती चली जा रही है। पार्टी कार्यकर्ता एक दूसरे को नीचा दिखाने व गिरने के लिए एक दूसरे के वीडियो वायरल करा रहे हैं जिसकी पोल कांग्रेस निर्वतमान जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित के सौदेबाजी के वायरल हुई वीडियो प्रकरण में शामिल कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने खोल दी है। वहीं जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित के वायरल वीडियो प्रकरण की जांच के लिये प्रदेश नेतृत्व की तीन सदस्यीय टीम बुधवार को आगरा आएगी और होटल पीएल पैलेस में जिला, शहर व फ्रंटल संगठन के साथ ब्लॉक व वार्ड कमेटी के पदाधिकारियों से वार्ता कर पूरी रिपोर्ट लेगी। उस रिपोर्ट को हाई कमान को सौंपेगी।
लेकिन इस टीम के आगमन से पहले ही इस पूरे प्रकरण में शामिल जिला कमेटी के निर्वतमान महासचिव शाहिद अहमद ने वीडियो वायरल कर इस घटना के लिए राघवेंद्र सिंह मीनू को जिम्मेदार ठहराया है और उसी कहने पर जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित से टोरंट के दलाल से सौदेबाजी कराने की बात कबूल रहा है।
टोरंट से सौदेबाजी के वायरल वीडियो से किरकिरी होने के बाद प्रकरण में शामिल निर्वतमान जिला महासचिव शाहिद अहमद का लगभग ढाई मिनट का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो आगरा कांग्रेस प्रभारी रोहित चौधरी को संबोधित है। लगभग ढाई मिनट के इस वीडियो में शाहिद अहमद ने अपनी गलती मानते हुए कहा रहा है कि यह सब उनसे राघवेंद्र सिंह मीनू ने करवाया है। जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित को हटाने व उनकी छवि खराब करने के लिए उसने जिला अध्यक्ष के टोरंट से सौदेबाजी के वीडियो बनबाने के लिए 1 लाख का लालच दिया था। राघवेंद्र सिंह मीनू ने 20 हजार पेशगी दी और 90 हजार बाद में देने का वायदा किया था। उसी कहने पर उसने जिला अध्यक्ष को घर बुलाया था और एक षडयंत्र के तहत उनका वीडियो बनाया। इस पूरे प्रकरण में में खुद और मुकेश धनगर व टोरंट का एक दलाल भी शामिल था। इस पूरे प्रकरण की जानकारी निर्वतमान जिला अध्यक्ष को नहीं थी।
इस वीडियो में शाहिद अहमद स्वीकार कर रहा है कि मनोज दीक्षित के वीडियो में सौदेबाजी को जो अल्फाज़ है वो राघवेंद्र मीनू के है। उन्हें बताया गया था कि अगर आप टोरंट के दलाल के सामने यह कहेगी तो आपको कांग्रेस का जिला कार्यालय व अन्य सुविधाएं दिलाने का वायदा मेरा है। मुझ पर विश्वास कर निर्वतमान जिला अध्यक्ष ने यही कहा और फिर उनके साथ विश्वास घात कर पैसों के लालच में राघवेंद्र मीनू के कहने पर यह वीडियो बनवा लिया। वीडियो बनने के बाद राघवेंद्र मीनू ने एक रिश्तेदार के माध्यम से मुझे शेष रुपये 80 हजार भी भिजवा दिये।
शाहिद अहमद ने सफाई दी है कि इस पूरे प्रकरण से मनोज दिखित अनजान थी और इसमें उनका कोई दोष नहीं है।