आगरा। मलपुरा थाना क्षेत्र के नगला उदा गांव में जलभराव से हालत बद से बदतर होते चले जा रहे हैं। जलभराव के कारण इस वक्त गांव में संक्रामक बीमारी फैल रही है। गांव वालों के मुताबिक अब तक 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है। संक्रामक बीमारियों के कारण तीन लोगों की मौत ने प्रशासन को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। जैसे ही संक्रामक रोगों से बीमारियां से होने वाले लोगों की मौत की सूचना प्रशासन को मिली तो जिला प्रशासन की कुंभकरण नींद टूट गई और आनन-फानन में जिला प्रशासन चिकित्सा विभाग को लेकर नगला उदा गांव लोगों के उपचार के लिए पहुँच गयी। हाल ही में हुई युवक की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है। सन्नाटा पसरा हुआ है। हर व्यक्ति जलभराव और संक्रामक रोगों से लोगों की हो रही मौत के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
धनौली के पास का नगला उदा गांव में लोग अब उसने उसे भी जा रहे हैं। यहां आम व्यक्ति सड़क या फिर घर में नजर नहीं आता बल्कि चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है। जलभराव के कारण लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते लोगों ने घर छोड़ने का मन बना लिया है। लोगों ने अपने घरों के दरवाजों पर पोस्टर लगा दिए हैं कि क्षेत्र में हो रही जलभराव और संक्रामक रोगों के कारण वो अपने घरों से पलायन होने को मजबूर हैं।
अपने घर के दरवाजे के बाहर पलायन के पोस्टर लगाने वाले लोगों का कहना है कि विगत करीब 4 से 5 सालों से यह समस्या लगातार बनी हुई है प्रशासन को लगातार जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए पत्र लिखने के साथ-साथ धरना प्रदर्शन भी किया गया लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। जिला प्रशासन की कार्रवाई का आलम तो यह देखिए कि 2 महीने पहले जिला अधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारी ने खुद क्षेत्र में दौरा कर जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए लेकिन उनके आदेश भी हवा हवाई हो गए। इतना ही नहीं अधिकतर ग्रामीणों ने तो यहां से अपने मकान भी बेच दिए हैं और दूसरे जगह किराए पर रहने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से हो रहे जलभराव के कारण अब आलम यह हो चुका है कि समर से और हैंडपंपों से भी गंदा पानी निकल रहा है जिसे पीने के लिए ग्रामीण मजदूर है और बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
इस गांव में अब तक तीन ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा गांव में हर घर मे कई न कोई बीमार अवस्था में है जो चारपाई पर पड़ा हुआ है। यह लोग इलाज तो करा रहे है लेकिन जलभराव के कारण दबा असर नही कर रही है। इसके बावजूद भी लोग गांव में भरे गंदे पानी को निकालने के लिए कोई इंतजाम किए गए है।
गांव वालों का आरोप है कि बार-बार जिला प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद आज तक विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। बड़ा सवाल यह है कि जिला प्रशासन को अभी कितनी और मौतें देखनी है।