आगरा। उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन और उत्तर प्रदेश ग्रामीण शिक्षक संस्थान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस का आयोजन नगला टेकचंद स्थित मुस्कान सेंटर पर किया गया। इस आयोजन के दौरान बालश्रम को लेकर विचार गोष्ठी सम्पन्न हुई जिसमें जिला परियोजना अधिकारी अवदेश कुमार वाजपेयी और श्रम अधिकारी एसबी सरोज मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
मुस्कान सेंटर में पड़ने वाले गरीब बच्चों की ओर से बालश्रम को लेकर एक नाटक पेश किया गया जिसके माध्यम से बच्चों ने बालश्रम कैसे पनपता है और बालश्रम के कारण एक छोटे बच्चे की क्या दुर्दशा होती है, सभी के सामने रखा। बच्चों के इस नाटक को देखकर सभी ने बच्चों के इस प्रयास की सराहना की। इसके बाद बालश्रम को लेकर विचार गोष्ठी की शुरुआत हुई।
लोगों का कहना था कि बालश्रम अधिकतर मलिन बस्तियों में देखने को मिलता है। दलित और विशेष समाज के लोग शिक्षित न होने के कारण बालश्रम बढ़ रहा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।
जिला परियोजना अधिकारी अवदेश कुमार का कहना था कि हम लोगों को भी बालश्रम के प्रति दलित बस्तियों में अभियान चलाना चाहिए जिससे लोग बालश्रम को लेकर जागरूक हो और बच्चे से काम कराये जाने की बजाए उसे शिक्षित बनाने पर जोर दिया। इतना ही नही मुस्कान सेंटर चलाकर गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें बालश्रम से दूर करने का प्रयास कर रहे उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा के इस प्रयास की सराहना की।
श्रम अधिकारी एसबी सरोज का कहना था कि विभाग भी बालश्रम को रोकने के लिए समय समय पर अभियान चला रहा है और जिन प्रतिष्ठान पर बच्चे काम करते हुए मिले है उन पर चला रहा है। कार्यवाही की जा रही है। तुलाराम शर्मा अपने संगठन के माध्यम से विभाग की इस कार्यवाही में सहयोग तो कर ही रहे है वही बच्चों में शिक्षा की अलख और अभिभावकों को बालश्रम के प्रति जागरूक बना रहे है।
उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना था कि बालश्रम विश्व व्यापी समस्या होती चली जा रही है। भारत के साथ शहर में बालश्रमिकों की संख्या के लगातार इजाफा हो रहा है। बालश्रम को केवल शिक्षा के माध्यम से ही खत्म किया जा सकता है। इसलिए संगठन मजदूरों के बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए श्रमिक स्कूल और मुस्कान सेंटर चलाये जा रहे है जिससे शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।