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अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

by admin

Agra. अंतरराष्ट्रीय प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और उनकी सुरक्षा को लेकर बी.ड़ब्लू.आई द्वारा होटल गंगारत्न में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में भारत के कई राज्यो के श्रमिक संगठनों के साथ नेपाल के श्रमिकों के संगठनो के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर सभी श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार रखे।

बी.ड़ब्लू.आई संगठन से जुड़े डा. राजीव शर्मा ने बताया कि आज नेपाल और भारत में प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की जो नीतियों है, उसको लेकर चर्चा की जा रही है। इन नीतियों में कमियां हैं जिनके कारण प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं। भारत और नेपाल से विदेशों में मजदूरी के लिए जाने वाले प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाए और उसकी जिम्मेदारी भी ले। जिससे प्रवासी मजदूर बेफिक्र होकर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मजदूरी कर सकें।

श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य से भी काफी मजदूर खाड़ी व अन्य देशों में मजदूरी करने के लिए जाते हैं लेकिन इन मजदूरों की सुरक्षा पर सरकार कोई ध्यान नही दे रही है। इन मजदूरों को भारत सरकार की प्रवासी श्रमिक संबंधित नीतियों की जानकारी उपलब्ध कराना है जिससे उन्हें सही जानकारी हो और उसके बाद ही बाहर मजदूरी के लिए जाने का कुछ फैसला ले सकें। अभी तक प्रवासी मजदूरों की जो नीतियां है, उसमें इंश्योरेंस के नाम पर कुछ खास नहीं है। अगर बाहर प्रवासी मजदूर की मृत्यु हो जाती है तो उसका सारा खर्चा सिर्फ मृतक के परिवार को ही उठाना है।

नेपाल से आए श्रमिक संगठन के पदाधिकारी अमित लांबा ने बताया कि नेपाल सरकार प्रवासी मजदूरों की नीतियों को लेकर गंभीर बनी हुई है। अब नेपाल सरकार जल्द ही एक महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। जो भी मजदूर बाहर के देशों में काम करने के लिए जाना चाहते हैं, उनसे जानकारी हासिल की जाएगी कि वह कौन सा काम करेंगे। उसे उसी कार्य में दक्ष बनाकर यहां से भेजा जाएगा, साथ ही उसकी सुरक्षा से संबंधित इंतजाम भी कराए जाएंगे। नेपाल में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा एक बड़ा आंदोलन से रूप में उभर रही है।

बीडब्ल्यूआई के राजीव शर्मा का कहना है कि अभी तक प्रवासी मजदूरों को भारत में मतदान का अधिकार नहीं मिला है। अगर उन्हें सरकार मतदान का अधिकार दे दे तो जो जनप्रतिनिधि हैं, वह भी प्रवासी मजदूरों के हित के बारे में सोचें लेकिन मतदान का अधिकार न होने के कारण जनप्रतिनिधि भी प्रवासी मजदूरों के हित के बारे में नहीं सोचते और ना ही ध्यान देते हैं। इसीलिए बीडब्ल्यूआई के साथ-साथ सभी श्रमिक संगठनों की मांग है कि प्रवासी मजदूरों को मतदान का अधिकार दिया जाए। चुनाव के दौरान वह मतदान कर सकें इसकी व्यवस्था सरकार करें।

इसके अलावा पंजाब से कुलवंत कौर, केरल से सलोमी, तमिलनाडु से गोपाल रेड्डी, प्रिंस वर्मा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

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