आगरा। गत 27 सितंबर को आगरा बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 7 प्राइमरी शिक्षक शिक्षिकाओं को अपात्र पाए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से सरकारी शिक्षक के पद से पदस्थ कर दिया था और उनके खिलाफ़ जांच के आदेश दे दिए थे। विभागीय जांच एवं पीड़ित शिक्षक शिक्षिकाओं के अपने स्तर पर जांच करने के बाद यह सामने आया कि कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग की गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
आपको बता दें 27 सितंबर 2018 को बेसिक शिक्षा अधिकारी आगरा ने हिंदी समाचार पत्र में विज्ञप्ति निकालकर 7 प्राइमरी शिक्षक शिक्षिकाओं को उनके पद से पदस्थ कर दिया। पीड़ितों ने बताया शिक्षा विभाग की तरफ से अभ्यर्थियों के कागजों की वेरीफिकेशन कराई गई जिसमें इलाहाबाद माध्यमिक परिषद एवं आगरा यूनिवर्सिटी ने वेरीफिकेशन में कुछ गलती कर दी और उन्हीं गलतियों के साथ आख्या लगाकर बेसिक विभाग आगरा में भेज दी जिसके कारण अभ्यर्थियों को बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से अपात्र पाया गया और उन्हें तत्काल ही पद से विमुक्त कर दिया गया।
इस संबंध में सभी निरस्त अभ्यर्थी बीएसए आगरा से मिले और दोबारा जांच करवाने की अपील की। अभ्यर्थियों ने अपने स्तर से भी आगरा यूनिवर्सिटी और इलाहाबाद माध्यमिक परिषद से वेरीफिकेशन में हुई त्रुटियों को सही करवाया जिसकी आख्या पूर्ण रूप से रजिस्ट्री सहित 8 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में आ चुकी है लेकिन फिर भी बीएसए आगरा उसको स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
एक पीड़ित शिक्षक ने बताया कि उसने 2013 में टेट पास किया था लेकिन विभाग सत्र 2013-14 की वेरिफिकेशन करवा रहा है। सवाल यह है कि जब अभ्यर्थी ने 2013 में टेट पास किया है तो शिक्षा विभाग 2013-14 की वेरीफिकेशन क्यों करवा रहा है।
पीड़ित प्रीति सिकरवार ने बताया की उसने आगरा यूनिवर्सिटी से बीकॉम में 636 अंक प्राप्त किए लेकिन यूनिवर्सिटी में गलती से थर्ड ईयर में सेकंड ईयर का रोल नंबर लगाकर 635 अनुशंसा दिए गए। पीड़ित के कहने पर 27 सितंबर को यूनिवर्सिटी ने अपनी गलती मान ली और नया संशोधन पत्र जारी किया जिसमें लिखा गया की छाया प्रति साफ ना होने की वजह से त्रुटि हुई है जो अब हमने सही कर दी है जिसका 3 अक्टूबर को ऑनलाइन सत्यापन की भी रिपोर्ट जारी कर दी एवं बीएसए कार्यालय में 8 अक्टूबर को प्राप्त करा दी है।
पिछले बुधवार को जब सभी पीड़ित शिक्षा अधिकारी आगरा से मिले तो उन्होंने आश्वासन दिया आप सभी को अगले मंगलवार 23 अक्टूबर तक बहाल कर दिया जाएगा लेकिन पीड़ितों ने बताया मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक बीएसए ऑफिस पर ही बैठे रहे लेकिन बीएसए अधिकारी ना तो ऑफिस में आए और ना ही उनका कॉल रिसीव किया।
अपने साथ हुए इस उत्पीड़न को लेकर सभी निरस्त शिक्षक एवं शिक्षिका आज से बीएसए ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं और खुद को बहाल कर दोबारा से शिक्षक बनाए जाने के लिए बीएसए से गुहार लगा रहे हैं।