आगरा। अवैध निर्माण कार्य के लिए नक्शा स्वीकृति देने के मामले में आगरा विकास प्राधिकरण विभाग (ADA) के 7 इंजीनियर फंस गए हैं। सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, साथ ही एक सप्ताह में इसकी जांच कर मामले में शामिल अन्य अधिकारियों के खिलाफ की कार्रवाई करने के भी निर्देश हुए हैं।
बताते चलें कि आगरा के यमुना डूब क्षेत्र में कई मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बना दी गई है। एडीए विभाग के इंजीनियरों की मिलीभगत से नक्शा पास कराया गया था जिसके बाद यह निर्माण हुआ। यमुना डूब क्षेत्र में यह निर्माण होने से यमुना नदी का स्वरूप बिगाड़ने और प्रदूषण बढ़ाने को लेकर समाजसेवी डीके जोशी ने सन 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में याचिका दायर की थी। डीके जोशी का 2016 में निधन हो गया। इस मामले में एनजीटी के आदेश पर डूब क्षेत्र का सर्वे कराया गया था और पिछले दिनों अवैध निर्माण ध्वस्त करा दिए गए थे। इस मामले की चल रही जांच में एडीए विभाग के साथ इंजीनियर दोषी पाए गए हैं।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विशेष सचिव रणविजय सिंह ने सहायक अभियंता राजीव शर्मा, अवर अभियंता राजेश वर्मा, देशराज सिंह, अनिल सचान, राजेश फौजदार, नरेश चंद्र सुमन और सोनी पर विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा इस मामले की जांच कर सप्ताह भर में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया है।