Agra. आगरा में नकली एवं मापदंडों के विपरीत दवाएं भारी मात्रा में खपाई जा रही हैं। यह खुलासा तब हुआ जब नकली एंटीबायोटिक दबाव और खांसी के सीरप सहित अन्य दावों की सैंपल जांच के लिए लिए गए। इन सभी की जब लैब में जांच कराई गई तो 39 सैंपल फेल हो गए। 39 सैंपल फेल होने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। अब लैब रिपोर्ट आने के बाद औषधि विभाग की ओर दोषी फर्म के संचालकों के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इसके साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं। जिससे दवा कारोबारियों में अफरा -तफरी मची हुई है।
गौरतलब है कि आगरा दवा कारोबार में देश की बड़ी मंडियों में से एक है। आगरा नकली और प्रतिबंधित दावाओं का बाजार बन चुका है। यहां पर यह नकली एवं प्रतिबंधित दावाओं का कारोबार करने वालों का कॉकस हावी है। जिसकी वजह से राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के साथ ही हरियाणा और दिल्ली की पुलिस छापेमारी करती रहती है। अब औषधि विभाग की ओर से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिससे, औषधि विभाग के साथ ही दवा विक्रेताओं में दहशत का माहौल है। बीते वित्तीय वर्ष में नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बाजार में बिकने की शिकायत पर मिली तो औषधि विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी। शिकायत में बाजार में नकली एंटीबॉयोटिक के साथ ही खांसी के सीरप समेत अन्य दवाओं की जानकारी दी गई थी। औषधि विभाग ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक विभिन्न थोक की दवा दुकानों, दवा विक्रेताओं की दुकानों से दवाओं के 39 सैंपल लिए थे जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया था। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
औषधि विभाग के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया, कि भेजे गए सभी 39 सैंपल की लैब से रिपोर्ट मिल गई है जिसमें 20 प्रकार की एंटीबायोटिक टेबलेट, पांच तरह के गैस संबंधी विकार के कैप्सूल, 14 प्रकार के खांसी के सीरप के सैंपल जांच में फेल हुए हैं। इस पर औषधि विभाग ने दोषी फर्म मालिकों सहित कंपनियों के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इसके साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
औषधि विभाग के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया, कि प्योर एंड क्योर हैल्थ केयर, हिमालया मेडिटेक, अल्फा प्रोडक्ट, केडला हेल्थकेयर, एकम्स, स्माइलेक्स हेल्थकेयर, वीके लाइफ साइंसेज, अबॉर्ट हेल्थकेयर, रैक्क्सत्यूस, विंग्स सहित कई नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाएं आगरा में बनाकर खपाई जा रही थीं। औषधि विभाग की ओर से नकली दवाओं के लिए लगातार दवा बाजार और दवा विक्रेताओं के याहां पर छापेमारी की जाती है।
औषधि विभाग के असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया, कि जिस तरह से आगरा में नकली दवाएं मिल रही हैं। उससे जनता से अपील है कि दवा खरीदते वक्त सतर्क रहें। दवाएं खरीदने के बाद हमेशा बिल लें। इतना ही नहीं, दवा के रैपर पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करके दवा की असलियत की जांच जरूर करें। जहां भी दवा में संदेह मिले, तो तत्काल विभाग को सूचना दें।
यहां बताना आवश्यक हो जाता है कि औषधि विभाग ही नहीं कई राज्यों के तमाम डिपार्टमेंट ने भी आगरा के दवा बाजार में छापे मार कार्रवाई की है और नकली एवं प्रतिबंधित दावाओं के जखीरे बरामद किए हैं। यह सिलसिला आगरा के दावा बाजार में पिछले कई वर्षों से चल रहा है। अब उत्तर प्रदेश के औषधि विभाग ने भी इस पर अपनी मुंहर लगा दी है।