Home » प्रेम रस की मधुरता को देख भक्त हुए निहाल, श्रीप्रेमनिधि मंदिर में बिखरी रासलीला महोत्सव की अद्भुत छटा

प्रेम रस की मधुरता को देख भक्त हुए निहाल, श्रीप्रेमनिधि मंदिर में बिखरी रासलीला महोत्सव की अद्भुत छटा

by pawan sharma
  • पुष्टिमार्गीय श्रीप्रेमनिधि मंदिर में आयोजित किया गया रासलीला महोत्सव
  • बरसाना की कृष्णा प्रिया रासमंडली की प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध, बही आस्था की बयार

आगरा। सोमवार को कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्रीप्रेमनिधि मंदिर में प्रेम के माधुर्य का भाव कुछ यूं बहा कि हर आंख से आस्था के अश्रु बहने लगे। सोमवार को पुष्टिमार्गीय श्रीप्रेमनिधि मंदिर में ठाकुर श्याम बिहारी जी का रासलीला महोत्सव आयोजित किया गया।

बरसाना की कृष्णा प्रिया रासमंडली ने माखन चोरी लीला और माधुर्य लीला का इतना सजीव मंचन किया की भक्तों में उपस्थित हर स्त्री-पुरुष गोपी भाव से भावुक हो उठा। चरण सेवक हेमन्त गिदवानी, जितेंद्र गिदवानी और राजीव गिदवानी थे।

मंदिर के मुख्य सेवायत हरीमोहन गोस्वामी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने द्वारिका जी में अपनी समस्त रानियों के समक्ष ब्रज की गोपियों के निस्वार्थ प्रेम को परिभाषित करने के लिए माधुर्य लीला की थी। जब ये लीला मंचित होती है तो हर भक्त गोपी भाव से अविभूत हो उठता है।

सेवायत सुनीत गोस्वामी ने बताया कि प्रेम की वास्तविक परिभाषा श्रीकृष्ण-गोपी प्रेम से ही प्रकट होती है। जहां निःस्वार्थता की पराकाष्ठा और प्रियतम को आनंद व सुख प्रदान करने की भावना प्रधान होती है। चाहे उसके लिए कितने ही कष्टों व दुखों का वरण करना पड़े, सभी स्वीकार्य होता है। वास्तव में यह प्रेम में तपस्या का स्वरूप ले लेती है।

मंदिर प्रबंधक दिनेश पचौरी ने बताया कि भगवान की रासलीला समाज के लिए संदेश होती है। रासलीला के सही अर्थों को युवा पीढ़ी को समझाने के लिए यह आयोजन किया गया है। आशीष पचौरी ने व्यवस्थाएं संभालीं।

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