मध्य प्रदेश। गायत्री शक्तिपीठ में नवरात्रि साधना के नव दिवसीय गायत्री मन्त्र जप का समापन गायत्री यज्ञ के साथ हुआ। सभी साधको ने सवा पाँच लाख मंत्रो का जप पूर्ण किया। गायत्री शक्तिपीठ के व्यबस्थापक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने यज्ञ संचालन करते हुए कहा की सभी शक्तियां गायत्री के ही बिबिध रूप है। देवी भागवत में देवी की महिमा बताते हुए महात्म कथा में खा गया। गायत्री से बड़ा कोई देव नही गायत्री से बड़ी कोई साधना नही। श्रीमद् भागवत ऎवम् देवी पुराण साक्षात् गायत्री रूप ही है। इस महा माया की उपासना से क्या नही प्राप्त किया जा सकता। सूत जी ने यह महाशक्ति योग और भोग दोनों ही प्रदान करती है। देवी की उपासना कलियुग में भी प्रत्यक्ष फलदायी है। आल्हा ने कलियुग में माँ की उपासना कर् अमरत्व का वरदान पाया। शांतिकुंज के जोन प्रतिनिधि हरिशंकर दुबे ने कहा गुरुदेव भगीरथ तप कर गायत्री को युगशक्ति के रूप में धरती पर अवतरित किया।
युग निश्चित बदल रहा है हम सभी माता जी के जन्म शताव्दी 2026 में और स्पस्ट देखेगे। संकल्प पूर्वक गुरुदेव को दिए गुरु दीक्षा में बातोर समयदान आनसदान नियमित उपासना को पूर्ण करे। यही सच्ची पूर्णाहुति है। महोबा से अरविन्द सिंह कर्वी से चुन्नीलाल शैलेन्द्र गुप्ता दिनेश यादव चित्रकूट से देवदत्त शुक्ल रामशरण के के त्रिपाठी ब्रह्मेस्वर दुबे रमाकांत दुबे रमाशंकर तिवारी आदि सैकड़ो लोगो ने संकल्पित हुए। कन्याओ का पूजन ऎवम् कन्याभोज प्रशाद भंडारे में लोगो ने मां का प्रसाद पाया।