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महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाने के लिए फतेहपुर सीकरी में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत

by admin

आगरा। भवन निर्माण, इलेक्ट्रिशन और पेंटिंग के कार्यो में हेल्पर का काम करने वाली श्रमिक महिलाएं जल्द ही कुशल राजमिस्त्री, इलेक्ट्रिशन और पेंटर बनेंगी। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के उत्थान के लिए कई दशकों से कार्य कर रहे उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन बीडव्लूआई और डीजीबी संस्था के सहयोग से कौशल विकाश प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत करने जा रहे है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन फतेहपुर सीकरी के मंडी मिर्जा खाँ स्थित श्रमिक विद्यालय में इस प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत करने जा रहे है जिसकी जानकारी उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के संस्थापक अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने दी।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की ओर से होटल गंगा रतन में महिला श्रमिकों को कुशल श्रमिक बनाने के उद्देश्य को लेकर बीडव्लूआई और डीजीबी संस्था के साथ मिलकर एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में महिला श्रमिकों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। बैठक का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, बाल कल्याण समिति के सदस्य विनीता कुलश्रेष्ठ, श्रम परिवर्तन अधिकारी सुप्रिया द्विवेदी और चाइल्ड लाइन की रितु इंदोलिया मौजूद रही।

बैठक के दौरान राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने जहां महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें कुशल श्रमिक बनाए जाने की उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के प्रयास की सराहना की तो महिला श्रमिकों को कुशल श्रमिक बनाए जाने के लिए कौशल प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत करने पर बधाई दी। उनका कहना था कि कौशल प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण पाकर महिलाएं अपनी प्रतिभाओं को निखार सकेंगी और पुरुषों के समान काम करके समान काम का समान वेतन पा सकेंगी।

बीडब्ल्यू आई के सलाहकार मिलन सक्सेना ने बैठक में मौजूद श्रमिक महिलाओं से खुलकर वार्ता की। उन्होंने कुशल श्रमिक बनने के बारे में समझाया तो काम करने के लिए परिवार को राजी करने की भी बात कही। उनका कहना था कि महिलाएं जब घर से बाहर जाकर काम करती है तो परिवार में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन आज के समय में पति पत्नी दोनों काम करें तभी आर्थिक रूप से मजबूत बना जा सकता है। महिला श्रमिक अब हेल्पर ही बनकर नहीं रहना बल्कि जिस क्षेत्र में वह काम कर रही हैं उस क्षेत्र का कौशल प्राप्त कर अपनी प्रतिभाओं को निखारने का भी काम करें जिससे वह भी भवन निर्माण, इलेक्ट्रीशियन और पेंटिंग के क्षेत्र में अपना नाम कमा सकें।

इस बैठक कई ठेकेदार भी शामिल हुए जिन्होंने उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के साथ कॉन्ट्रैक्ट करके महिला श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर कुशल श्रमिक बनाने के साथ-साथ उन्हें काम और बेहतर मजदूरी देने का वायदा किया। ठेकेदारों की ओर से मिले आश्वासन से उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन को बल मिला तो महिला श्रमिकों के चेहरे पर भी खुशी देखने को मिली।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के संस्थापक अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का कहना था कि लगभग 3 दशकों से संगठन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हितों के लिए काम कर रहा है और संगठन की प्राथमिकता महिला श्रमिकों को भी कुशल श्रमिक बनाने की है जिससे श्रमिक महिलाएं भी विभिन्न क्षेत्रों में आगे आए और अपना नाम भी कर सकें। संगठन के अध्यक्ष का कहना था कि महिला श्रमिकों को कुशल श्रमिक बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की जा रही है। इस केंद्र पर महिला श्रमिक को राजमिस्त्री इलेक्ट्रिशियन और पेंटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे महिलाएं हेल्पर या बेलदारी के काम तक ही सीमित ना रहे बल्कि एक कुशल श्रमिक बनकर राजमिस्त्री पेंट और इलेक्ट्रिशियन का भी काम संभाले।

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