लखनऊ। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने पार्टी द्वारा यूपी की जनता के लिए 300 यूनिट और किसानों के लिए बिजली फ्री देने की घोषणा पर आई योगी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की प्रतिक्रिया पर तीखा पलटवार किया। प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी के साथ प्रदेश कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में सभाजीत सिंह ने सवाल खड़ा किया कि मुख्यमंत्री, सांसद और विधायकों को फ्री बिजली, फ्री बंगला, फ्री गाड़ी, मोटी तनख्वाह, फ्री रेल और हवाई जहाज का सफर मिल सकता है, तो भाजपा आम आदमी को 300 यूनिट फ्री बिजली दिए जाने पर मुफ्तखोर और लालची क्यों कह रही? कृषि मंत्री ने आप की बढ़ती लोकप्रियता की बौखलाहट में इस तरह का बयान देकर यूपी की सम्मानित जनता का अपमान किया है। कृषि मंत्री के इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी की जनता से माफी मांगें।
सभाजीत सिंह ने कहा कि केजरीवाल की 300 यूनिट फ्री बिजली की गारंटी से बौखलाई योगी सरकार के मंत्री ने जो बयान दिया है उसके बदले यूपी की जनता 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 440 वोल्ट का झटका देगी। सभाजीत सिंह ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा यूपी के लिए की गई लोक कल्याणकारी घोषणाओं को फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता से यह वादा करती है कि अगर उसे सरकार बनाने का मौका मिला तो सारे बकाया बिल माफ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपी की सम्मानित जनता बस आप की सरकार बनाए और फिर बकाया बिजली बिल फाड़ कर फेंक दे। किसानों को सिंचाई के लिए जितनी बिजली की जरूरत होगी, आम आदमी पार्टी की सरकार उन्हें मुफ्त में मुहैया कराएगी। 300 यूनिट फ्री बिजली को आम आदमी पार्टी लोगों का संवैधानिक अधिकार बनाना चाहती है, क्योंकि अब बिजली लग्जरी की चीज नहीं बल्कि मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है।
सभाजीत सिंह ने बिजली के मुद्दे पर कृषि मंत्री के बयान और ऊर्जा मंत्री को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जब किसानों की बात उठती है तो ऊर्जा मंत्री बयान देने आ जाते हैं और जब बिजली पर बात होती है तो कृषि मंत्री सामने आ जाते हैं।
वैभव माहेश्वरी ने कृषि मंत्री के आरोप पर उन्हें आईना दिखाया। कहा, नीयत साफ हो तो जनता को फ्री बिजली दी जा सकती है। उन्होंने इसका पूरा अंकगणित भी समझाया। यूपी में 75 फीसद ग्रामीण आबादी और 25 फीसद शहरी आबादी से विभाग बिल ही नहीं वसूल पाता। इसके साथ ही यूपी सरकार बिजली विभाग के जिस घाटे का रोना रोती है। दरअसल उस 90000 करोड़ रुपये में से सरकार के मंत्री विधायक एवं प्रशासन के अफसरों के आवास और कार्यालयों पर अकेले ही 20000 करोड़ रुपये बकाया है। सरकार चाहे तो तमाम विभागों के बजट से यह धनराशि काटकर सीधे बिजली विभाग को देकर उसका घाटा एक झटके में खत्म कर सकती है, लेकिन सरकार की नीयत ही ठीक नहीं। सरकार चाहती है कि अब भ्रष्टाचार कुप्रबंधन का खेल चलता रहे। इसीलिए आम आदमी पार्टी के हम लोगों को 300 यूनिट और किसानों को फ्री बिजली के ऐलान से उसके पेट में दर्द होने लगा है।
वैभव माहेश्वरी ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की, तो पहली बार यहां गाय-गोबर, हिंदू-मुस्लिम, मंदिर मस्जिद से आगे बढ़कर शिक्षा पर चर्चा छिड़ी। आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली चुनावी घोषणा की तो बिजली पर चर्चा हो रही है, लेकिन अफसोस जनक है कि सरकार के लोग इसे लेकर अपनी आपत्तियों को नहीं बता रहे हैं बल्कि यूपी की जनता को मुफ्त खोर करार दे रहे हैं।