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World Human Rights Day : राहुल गांधी ने बोला पीएम मोदी पर हमला, कहा – ‘गरीब किसानों का मौलिक अधिकार छीन रही है सरकार’

by admin
World Human Rights Day: Rahul Gandhi said attack on PM Modi, said - 'Government is taking away fundamental rights of poor farmers'

देश की राजधानी दिल्ली में किसान बिल के विरोध में तमाम राज्यों के किसानों का आंदोलन जारी है। इसी को लेकर मानव अधिकार दिवस पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है, जिसमें राहुल गांधी ने लिखा है कि “मोदी सरकार गरीबों के मौलिक अधिकार छीन रही है। यह मानवता के विरुद्ध अपराध है। देश के बेहतर भविष्य के लिए हमें हर वर्ग के अधिकारों का सम्मान करना ही होगा।”

केंद्र सरकार के प्रति विपक्ष की भूमिका अदा करने वाले राहुल गांधी मोदी सरकार को जता रहे हैं कि किसानों के हित में उन्हें फैसला करना चाहिए क्योंकि आंदोलन कर अपनी मांगों को रखना यह किसानों का अधिकार है। गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर पिछले 15 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे हुए हैं सभी किसान नेताओं ने मोदी सरकार द्वारा रखे गए सभी प्रस्तावों को एक सिरे से नकार दिया है और किसान ब्लॉक को वापस करने की मांग की है।

क्यों मनाया जाता है मानव अधिकार दिवस –
हर साल की तरह 10 दिसंबर को विश्व मानव अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने सन 1950 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करना था। सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया। आपको बता दें कि यह 500 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है। साथ ही यह दुनिया का सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज भी है।

हर साल मानवाधिकार दिवस पर एक विषय रखा जाता है। इस बार भी मानवाधिकार दिवस का विषय है- फिर से बेहतर हो- मानव अधिकारों के लिए खड़े हो जाओ। यह विषय कोविड 19 महामारी से संबंधित है।

मानवाधिकारों में कहा गया है कि किसी को भी गुलामी या दास प्रथा की हालत में नहीं रखा जाना चाहिए। साथ ही किसी को शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं करना चाहिए। किसी के भी प्रति निर्दय अपमानजनक और अमानवीय व्यवहार करना मानवाधिकार को दूषित करता है। हर व्यक्ति को कानून की निगाह में व्यक्ति के रूप में स्वीकृति प्राप्ति का पूरा अधिकार है।

किसी भी मनुष्य की जिंदगी में आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। भारतीय संविधान भी हमारे मूल अधिकारों को देकर इस बात की हमें गारंटी देता है।अगर कोई व्यक्ति हमारे मूल अधिकारों का हनन करता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाती है। 

वहीं अगर भारत की बात करें तो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन 12 अक्‍टूबर, सन 1993 में भारत सरकार ने किया था। 28 सितंबर सन् 1993 से भारत में मानव अधिकार कानून पर अमल किया गया।

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