Agra. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय बढ़ाने और उनकी हर समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठा रहे हैं तो वहीं भ्रष्टाचार को शून्य करने के लिए भी प्रयासरत हैं लेकिन उनके इन प्रयासों को स्थानीय स्तर पर मौजूद अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। यह अधिकारी किसानों जिसे हम अन्नदाता के नाम से पुकारते हैं, उसे भी नहीं बक्श रहे हैं। किसान केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीदने के दौरान किस तरह की खरीद-फरोख्त होती हैं, किस तरह से उन से अवैध वसूली की जाती है इसकी कलई एक वायरल वीडियो ने खोल दी है जो तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है यह वीडियो थाना इरादतनगर क्षेत्र के कस्बा स्थित किसान केंद्र का बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में किसान केंद्र पर मौजूद कर्मचारी विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है। किसान केंद्र पर गेहूं को बेचने के लिए एक व्यक्ति पहुंचता है और किसान केंद्र पर बैठे कर्मचारी से कहता है कि उसका रजिस्ट्रेशन हो गया है और गेहूं किस भाव से केंद्र पर खरीदा जा रहा है। किसान केंद्र का कर्मचारी उसे सरकारी गेहूं खरीदने के लिए रेट बताता है तो युवक उससे कुछ और ऊपर लेनदेन की बात की ओर इशारा करता है तो कर्मचारी पूरी पोल खोल देता है। वह कहता है कि सरकारी केंद्र पर गेहूं की जरूरत है, उसके अलावा ₹20 कुंतल के हिसाब से पल्लेदारी और 1 किलो गेंहू कमीशन के तौर पर किसानों को प्रति कट्टे पर देने होते है।

किसान केंद्र पर बैठे कर्मचारी वीडियो में कह रहा है कि यह इसी किसान केंद्र का हाल नहीं है जिले में जितने भी किसान केंद्र हैं उन केंद्रों पर इसी रेट वह कमीशन के हिसाब से किसान से गेहूं खरीदा जाता है, यह कमीशन इसलिए दिया जाता है कि उन्हें एफसीआई में बैठे अधिकारियों को देना होता है। जो गाड़ियां एफसीआई गोदाम में जाती हैं उन्हें चेक करने के नासे व अन्य सरकारी कार्य को कराने के नाम पर एफसीआई के अधिकारी कमीशन की मांग करते हैं। उसने यह भी कहा कि यह कोई इसी साल नहीं हो रहा है बल्कि हर साल इसी तरह से किसानो का गेहूं लिया जाता है।
किसान केंद्र पर बैठे कर्मचारी ने कहा कि अगर हम किसान से कमीशन नहीं लेंगे तो उन्हें एफसीआई अधिकारियों को अपनी जेब से देना पड़ेगा इसलिए वह मजबूर हैं। इस दौरान उसने अधिकारियों के लिए अपशब्द भी कहे। उसका कहना था कि अधिकारियों के चलते उन्हें कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का हिस्सा बनना पड़ता है जिसके लिए वह राजी नहीं होते लेकिन फिर भी उन्हें यह करना पड़ता है।
फिलहाल कुछ भी हो इस वायरल वीडियो ने गेहूं केंद्र और एफसीआई विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। देखना होगा कि वायरल वीडियो के बाद भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या फिर भ्रष्टाचार का यह खेल यूं ही चलता रहेगा और किसान यूंही शोषण का शिकार होता रहेगा।