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सीगना गाँव में अनोखी पहल, एक ही मंच पर हिन्दू-मुस्लिम जोड़े बंधे वैवाहिक बंधन में

by pawan sharma

आगरा। मोहब्बत की नगरी प्रेम और आपसी सौहार्द व भाईचारे के लिए जानी जाती है लेकिन इसकी मिशाल भी ताजनगरी में समय समय पर देखने को मिलती है। ऐसा ही कुछ एक सामूहिक विवाह समारोह में देखने को मिला। ताजनगरी आगरा में सामूहिक विवाह के एक ही पांडाल में हिंदू-मुस्लिम जोड़ों की सामूहिक शादी कराकर एकता की मिशाल पेश की गयी। आपसी भाईचारे और सर्वसमाज एकता की यह मिशाल अछनेरा ब्लॉक से दी गयी।

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर अछ्नेरा ब्लाँक के ग्राम पंचायत सीगना में सांप्रदायिकता की सोच को दर किनारे करते हुए ग्राम पंचायत सीगना में एक विषेश सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया जो ग्राम पंचायत सीगंना के पूर्व प्रधान लाखन सिंह की तरफ से आयोजित किया गया था। सभी समाज को सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाते और एकता का संदेश देते हुए इस समारोह में 8 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया। इसमें चार हिन्दू और चार मुस्लिम जोड़ो की शादी सम्पन्न कराई गई। सभी लोगों ने इन सभी नवदंपत्ति को सुखी विवाहित जीवन के लिए आशीष दिया।

ग्राम पंचायत के सीगना गांव में आज से पहले कभी ऐसा नही हुआ था। सामूहिक शादी समारोह में बने शादी के पांडाल में एक तरफ वैदिक मंत्रों के बीच शादी के सभी संस्कार पूरे हो रहे रहे तो दूसरी तरफ मौलवी मुश्लिम रीति रिवाज से निकाह पढ़ा रहे थे। इस कार्यक्रम के हजारों लोग साक्षी बने। लोगों ने पूर्व प्रधान लाखन सिंह के इस प्रयास की सराहना की और शादी के बंधन में बंधे नव दंपतियों को दिल खोलकर दुआएं दीं। शादी की रस्में पूरी होने के बाद पूर्व प्रधान लाखन सिंह ने कन्यादान भी उसी तरह से किया, जिस तरह से दोनों धर्मों में होता है। इसके अलावा नव विवाहित जोड़ों को उपहार में डबल बेड, एल ई डी टीवी, साइकिल , पांच जोड़ी कपड़े, किचन सेट सहित तमाम चीजें दी गईं।

अछ्नेरा ब्लॉक के पूर्व प्रधान लाखन सिंह ने बताया कि उनकी बेटी की शादी 28 फरवरी को होनी है। उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न सामाजिक रिश्तों को बरकरार रखने के उदेश्य से गरीब परिवार के बच्चों की शादी कराकर समाज में हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश दिया जाए जिससे हिन्दू – मुश्लिम समाज में फैली द्वेष भावना को खत्म किया जा सके।

इस सामूहिक विवाह समारोह में अपनी पुत्री की शादी करा रहे मुश्लिम बेटी के पिता ने पूर्व प्रधान के इस प्रयास की सराहना की। उनका कहना था कि उनके इस प्रयास से उनकी बेटी का घर तो बस ही रहा है वहीं समाज से जातिवाद से बड़ा मानव धर्म होने का संदेश भी गया है।

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