Agra. टमाटर के भाव इस समय रुला रहे हैं। टमाटर की बढ़ती कीमतों के चलते अब सब्जी से टमाटर गायब होने लगे हैं। यानी बिना टमाटर के ही सब्जियां बनाई जा रही है। सलाद में भी टमाटर इस समय कहीं नजर नहीं आ रहा है। सब्जी खरीदने आने वाले लोग सब्जियां तो खरीद रहे हैं लेकिन टमाटर के भाव सुनकर टमाटर से दूर होते हुए नजर आते हैं। लोगों से वार्ता हुई तो उनका कहना है कि टमाटर की कीमतें इतनी बढ़ गई कि अब बिना टमाटर के ही सब्जी बनानी और खानी पड़ रही है।
टमाटर ने बिगड़ा रसोई का गणित
लोगों ने बताया कि इस समय टमाटर 80 से लेकर 100 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। अगर ₹100 प्रति किलो के हिसाब से वह टमाटर खरीदते हैं तो उनकी रसोई का बजट बिगड़ जाता है। इस महंगाई के दौर में अगर वह ₹100 रुपये सिर्फ टमाटर पर खर्च करेंगे तो बाकी सब्जियों कैसे खरीदेंगे। इसीलिए टमाटर को छोड़कर बाकी सब्जियां खरीदी जा रही है और टमाटर के बिना ही सब्जियों को बनाया जा रहा है। खानपान में सब्जी थोड़ी सी बेस्वाद जरूर लगती है लेकिन रसोई के बजट को बनाए रखने के लिए यह जरूरी हो गया है।
सब्जी मंडियों में दो तरह का टमाटर
फुटकर सब्जी मंडियों में दो तरह का टमाटर बिक रहा है। थोड़ा सा हरा टमाटर ₹80 प्रति किलो तो बिल्कुल सुर्ख लाल टमाटर ₹100 प्रति किलो बिक रहा है। जो लोग टमाटर खरीदना चाहते हैं वह सबसे पहले ₹80 किलो के भाव के टमाटर को ही टटोल रहे हैं। जब उनका मन नहीं भरता तो मन मार के ही वह ₹100 किलो वाले टमाटर खरीदते हैं।
देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गई है। यहां तक कि थोक मंडियों में इसके भाव 60 रुपये से 80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार बीते एक हफ्तों के दौरान ही बाजार में टमाटर की कीमतें दोगुना और कहीं-कहीं उससे भी ज्यादा हो गईं हैं।
बारिश-बाढ़ ने किया प्रभावित
टमाटर का व्यापार करने वाले व्यापारियों और छोटे व्यवसायियों ने बताया कि बिपरजॉय तूफान के कारण हुई बारिश से एक तरफ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में टमाटर की फसल प्रभावित हुई है तो दूसरी ओर बिहार और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण भी टमाटर की फसल का नुकसान हुआ है। जिसके चलते टमाटर की आवक कम हो गई है। इस कारण टमाटर की कीमतों में एक साथ इतना उछाल आया है।