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शादी वाले घर में उठीं तीन-तीन अर्थियां, दुल्हन बनी बहन का रो-रो कर हुआ बुरा हाल

by admin
Three-three meanings arose in the marriage house, the sister became the bride crying bad condition

Agra. आगरे में हुए एक हादसे ने शहर के एक परिवार को पूरी तरह से दहला दिया है। इस हादसे के बाद से पीड़ित परिवार ही नहीं बल्कि पूरी कॉलोनी और क्षेत्र ही गमहीन माहौल में है। जिस घर में बेटी को विदा करने की तैयारी हो रही थी उस घर में तीन बेटों की मौत ने सभी को झकझोर के रख दिया है और अब उनकी अर्थियों को कंधा देने की तैयारी हो रही है।

इस घटना के बाद से परिवार पूरी तरह से टूट चुका है खुशियां गम में तब्दील हो चुकी हैं तो किसी की आंखों से आंसू भी नहीं रुक रहे हैं। लोगों का कहना था कि सोचा नहीं था कि डोली की बजाए अर्थियों को कंधा देना पडे़गा। इस घटना के बाद से दुल्हन का बुरा हाल है। दुल्हन बनने जा रही युवती अपने आप को कोस रही है। रोते-रोते एक ही बात कह रही थी कि भइया मुझे विदा कौन करेगा। यह मंजर जिसने भी देखा उसकी आंखों से आंसू नहीं थमे। हर कोई बस एक ही बात कह रहा था कि भगवान ऐसा किसी के साथ न करे।

ये हुई घटना –

एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के सीतानगर निवासी पवन राठौर के घर पर शनिवार रात 12 बजे तक खुशी का माहौल बना हुआ था। शादी समारोह के सभी परंपरागत कार्यक्रम संपन्न हो रहे थे। घर की महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं। सुबह ग्वालियर जाने की भी तैयारियां चल रही थी। बताया जाता है कि हर्ष के मौसेर भाई ने उसे फोन कर रामबाग पर लेने के लिए बुलाया था। इसके बाद हादसा हो गया। शादी में शामिल होने आए रिश्तेदार प्रेमप्रकाश ने बताया कि उन्होंने सोचा भी नहीं था कि पल भर में खुशियां गम में बदल जाएंगी। बेटी की डोली को कंधा देने के बजाए बेटों की अर्थी को कंधा देना पड़ेगा। यह कहते-कहते उनकी आंखों से आंसू छलक उठे।

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बहन और मां का बुरा हाल

मृतक हर्ष की बहन रीना का रो-रोकर बुरा हाल था। उसकी आंखों के आंसू सूख गए थे। जब घर वाले उसे शादी की रस्में पूरी कराने के लिए कार में बैठा रहे थे तो वो जाने को तैयार नहीं थी। बार-बार भाइयों को याद कर रही थी। रिश्तेदारों ने बड़ी मुश्किल से उसे समझा बुझाकर गाड़ी में बैठाया। वहीं, मृतक हर्ष की मां कमलेश की आंखों के आंसू भी नहीं थम रहे थे। वो बार-बार एक ही बात कह रही थीं कि मेरे तीन बच्चे चले गए। अब बहन को विदा कौन कराएगा।

जिद बनी हादसे का शिकार

लोगों ने बताया कि शादी में शामिल होने आए ताजगंज निवासी अंकित को घर वालों ने रोका था। उन्होंने कहा था कि सुबह चला जाए। मगर वो नहीं माना। देर रात को ताजगंज से रामबाग आने के लिए निकला। ऐसे में उसके पिता अर्जुन ने उसे बाइक दी। उनका कहना था कि रात का समय है वाहन तेज चलते हैं। इसके बाद अंकित ऑटो से रामबाग पहुंचा था। अंकित के घरवालों को जिस बात का डर सता रहा था, वो ही हुआ। रामाबाग से नुनिहाई जाते समय हादसा हो गया।

पूरा मोहल्ला गमगीन

हादसे के बाद पूरा मोहल्ला गमगीन है। लोगों का कहना था कि शनिवार रात को भात का कार्यक्रम था। सब लोग खुश थे। नाचा-गाना हुआ था। लेडिज संगीत में पूरे मोहल्ले की महिलाएं गई थीं। आज शादी के लिए ग्वालियर जाना था। मगर, क्या पता था कि यह अनहोनी हो जाएगी।

सांत्वना देने पहुँचे जनप्रतिनिधि

घटना की जानकारी होते ही पूर्व विधायक डॉक्टर धर्मपाल सिंह मौके पर पहुंच गए उन्होंने पीड़ित परिवार से वार्ता की और पूरे मामले की जानकारी कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ढांढस बंधाया। इसके बाद क्षेत्रीय विधायक रामप्रताप चौहान भी शोक संतृप्त परिवार को ढांढस बंधाने के लिए पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। उन्होंने भी परिजनों को ढांढस बंधाया।

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