उत्तरी असम ( Northern Assam) के उदलगुरी जिले ( Udalguri District) में ढाई सौ से ज्यादा पक्षियों,चूजों और जलकागों (chicks of cattle egrets, little egrets and cormorant) की हत्या के मामले में नगर पालिका बोर्ड के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार (Arrested) किया है। नगरपालिका के इन तीन अधिकारियों की गिरफ्तारी 24 जून को कारित की गई घटना को लेकर की गई है।
वन विभाग ( forest department) द्वारा नगर पालिका ( municipal corporation) के अधिकारियों पर कार्रवाई वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की संबंधित धाराओं के तहत की गई है। दरअसल वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दायर एक मामले के आधार पर तीनों को गुरुवार ( Thursday) को 14 दिन की जुडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया।
वन विभाग अधिकारी मृणमय हजारिका ने जानकारी दी है कि, “गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों में तंगला नगर बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी शांतनु दास शामिल भी हैं, जिन्होंने बांस के पेड़ों को काटने का आदेश जारी किया था।” वहीं अन्य दो आरोपियों में एक जूनियर अभियंता सदानंद सहरिया है और तीसरा आरोपी मिलन संगमा है जो कि फोर्थ श्रेणी का कर्मचारी है।
बता दें 8 जून को, शांतनु दास ने तंगला के वार्ड नंबर 1 के पांच निवासियों को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके पड़ोसी इस बात से चिंतित हैं कि COVID-19 उनकी जमीन पर बांस के पेड़ों पर घोंसले बनाने वाले पक्षियों की बूंदों से फैलता है। इस शिकायत पर शांतनु दास ने नोटिस जारी करते हुए कहा था कि इस तरह आपको एक स्वच्छ, स्वस्थ परिवेश के लिए बांस के पेड़ों को काटने के लिए कहा जाता है।
वहीं नगर पालिका बोर्ड ने कुछ श्रमिकों को पेड़ों की कटाई करने के लिए भेजा और इस दौरान 250 से ज्यादा पक्षियों ( chicks of cattle egrets, little egrets and cormorant) को मार डाला। जब इस घटना की जानकारी वन्यजीव कार्यकर्ता को हुई तो उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया और अधिकारियों पर कार्रवाई की। बहरहाल 3 आरोपी जुडीशियल कस्टडी में मौजूद हैं।