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पिछले 50 साल से इस जहर के साथ जी रहा है ये गाँव,

by admin

आगरा। कहा जाता है कि जल ही जीवन है। जल की बिना इस धरा पर कोई भी जीवित नहीं रह सकता है। पशु पक्षी हो या फिर मनुष्य अगर कंठ सूखा हो तो आपको जल चाहिए।लेकिन जीवन देने वाला यह अमृत एक गाँव के लिए जहर बन गया है। इस गांव के लोग जिन्दा होते हुए भी मरने की इच्छा जता रहे है।

मामला आगरा जिले के शमशाबाद ब्लाक के पचगाई खेड़ा गांव का है। गांव की आधी से ज्यादा आबादी विकलांग का शिकार हो चुकी है। जीवन देने वाला जल इस गांव के लिए अभिशाप बन गया है। इस गांव के जल में फ्लोराइड अत्यधिक मात्रा में है जो व्यक्ति के शारीर के लिए जहर है। लोग इस अत्यधिक फ्लोराइड वाले पानी को पीने से विकलांग हो रहे है। ग्रामीणों को मालूम है कि गांव का पानी ख़राब है लेकिन कोई दूसरी व्यवस्था न होने से न चाहकर भी वो इस पानी को पीने के लिए मजबूर है।

ऐसा नहीं है कि यह गांव की आजकल की समस्या हो। इस समस्या को गांव के लोग 50 साल से झेल रहे है। गांव की इस गंभीर समस्या से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ साथ स्थानीय और जिला प्रशासन भी अनजान नहीं है लेकिन इतने सालों में आजतक उन्हें शुद्ध पेयजल नहीं मिला पाया है
जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

इस गांव में विकलांगता का दंश बचपन से ही लग जाता है। फ्लोराइड की अधिकता वाले पानी पीने की वजह से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। बच्चे के बड़े होने पर उसके हाथपैर टेड़े मेढे हो जाते है। इस गांव में ऐसा कोई परिवार नहीं है जिसमे विकलांग परिजन न हो। अब यह गांव विकलांगता की ओर बढ़ रहा है।  

ग्रामीणों ने बताया कि इस बीमारी के कारण उन्हें सामाजिक बहिष्कार झेलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। एक तरफ जहां पूरा गांव जहरीले पानी के दुष्प्रभाव से परेशान है, तो वहीं माता-पिता अब अपने बच्चों की शादी नहीं होने से भी चिंतित हैं। गांव के युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है। किसी को दूल्हा तो किसी को दुल्हन नहीं मिल रही है। कोई स्वस्थ परिवार इस गांव से रिश्ता नहीं जोड़ना चाहता।

जलनिगम के अधिकारियों ने बताया कि पचगाई खेड़ा गांव में सुध पेयजल के लिए बजट स्वीकृत हो गया है जल्द ही इस गांव के लिए पेयजल की पाइप लाइन डाली जायेगी। लेकिन यह काम कब शुरु होगा यह किसी को नहीं पता है।

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