Agra. आगरा में इस बार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर गणेश भगवान शंकर को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाते और पर्यावरण का संरक्षण का संदेश देते हुए नजर आएंगे। मूर्तिकार इस बार इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाने पर जोर दे रहे हैं। जिनकी झलक नामनेर और मधुनगर के मूर्तिकारों के घरों में देखी जा सकती है। मूर्तिकार लोकेश रावत का कहना है कि विसर्जन के दौरान इन प्रतिमाओं की दुर्दशा नहीं होगी।
आगरा के मधु नगर क्षेत्र में रहने वाले मूर्तिकार लोकेश रावत का कहना है कि कुछ वर्षों पूर्व नदियों के किनारे विसर्जित की गई प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाओं को देख कर व्यथित हो गए थे। उन प्रतिमाओं की दुर्दशा हो रही थी क्योंकि पीओपी की बनी प्रतिमाएं पानी में गलती नहीं है। उसके बाद लोकेश ने मिट्टी की मूर्तियां बनाने का फैसला किया। पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए लोकेश और उनकी टीम ने मिट्टी की बनी हजारों प्रतिमाओं का निर्माण कर डाला है।
मूर्तिकार लोकेश कुमार का कहना है कि सभी प्रतिमाओं को उन्नति से तैयार किया जा रहा है। इन मिट्टी की प्रतिमाओं की खास बात यह है कि सभी प्रतिमाओं के अंदर फलदार वृक्षों के बीज डाले गए हैं। प्रतिमाएं मिट्टी की हैं, इसलिए जहां भी विसर्जित होंगी वह पूरी तरह से गल जाएगी और नदियों के किनारे प्रतिमाओं के अंदर के बीज से वृक्ष की उत्पत्ति होगी। तमाम जागरूकता संदेश देती गणेश भगवान की मूर्तियों में एक और खास प्रतिमा है, जिसमें भगवान गणेश भगवान शिव को कोरोना की वैक्सीन लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
जागरूकता संदेश देतीं नजर आ रहीं प्रथम देव गणेश की मूर्तियां लोग खूब पसंद कर रहे हैं। मिट्टी की बनी ईको फ्रेंडली मूर्तियों से पर्यावरण संरक्षण हो रहा है। मूर्तिकार लोकेश कुमार ने बताया कि भगवान गणेश की इको फ्रेंडली मूर्ति बनाने के लिए भावनगर गुजरात से मिट्टी मंगाई जा रही है। मिट्टी में पंचगव्य मिलाने से उपजाऊ भी हो जाती है। बहुत से लोग टब या बर्तन में प्रतिमाओं को विसर्जित करने के बाद पौधों में मिट्टी डाल सकते हैं। मिट्टी की प्रतिमाओं की खास बात यह है कि सभी प्रतिमाओं के अंदर फलदार वृक्षों के बीज डाले गए हैं। प्रतिमाएं मिट्टी की हैं, इसलिए जहां भी विसर्जित होंगी वह पूरी तरह से गल जाएगी और नदियों के किनारे प्रतिमाओं के अंदर के बीज से वृक्ष की उत्पत्ति होगी।
तमाम जागरूकता संदेश देती गणेश भगवान की मूर्तियों में एक और खास प्रतिमा है, जिसमें भगवान गणेश हॉकी खेलते नजर आ रहे हैं। ओलंपिक में 41 साल बाद मेडल मिलने के बाद ही मूर्तिकार लोकेश ने हॉकी को बढ़ावा देने वाली भगवान की इस प्रतिमा का निर्माण कर डाला।