लखनऊ। कानपुर में एक सरंक्षण गृह से एकसाथ 57 युवतियों के कोरोना पॉजिटिव निकलने से हड़कंप मच गया है। कानपुर प्रशासन ने इस मामले में तत्काल कार्यवाई करते हुए सभी कोरोना पॉजिटिव युवतियों को अस्पताल में भर्ती करा दिया है जबकि बाकी युवतियों को क्वारन्टीन कर दिया गया है। इतना ही नहीं स्थानीय मीडिया ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इन युवतियों में दो गर्भवती हैं जिसके बाद विपक्ष को भी योगी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है क्योंकि यह सरंक्षण गृह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है।
एक साथ 57 युवतियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कानपुर में अब इस संस्था को कोविड क्लस्टर बताया जा रहा है। एहतियातन तौर पर पूरी इमारत को सील कर दिया गया है। वहीं इस मामले को लेकर कानपुर जिलाधिकारी ने मामले पर सफाई दी। देर रात जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने कहा कि गर्भवती पाई गई पांच लड़कियां कोरोना वायरस पॉजिटिव भी हैं और अन्य दो गर्भवती लड़कियां निगेटिव पाई गई हैं। पिछले साल दिसंबर में बालिका संरक्षण गृह में भर्ती करवाने से पहले ही लड़कियां गर्भवती थीं।
जिलाधिकारी ने कहा, ‘उन्हें (पांच लड़कियों) विभिन्न जिलों में पांच बाल कल्याण समितियों के माध्यम से इस बालिका संरक्षण गृह भेजा गया था। ये POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामले हैं। जब उन्हें बालिका संरक्षण गृह में भर्ती कराया गया तो वे पहले से ही गर्भवती थीं।’
वहीं इस मामले में प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है कि ‘कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों की कोरोना वायरस के लिए जांच होने के बाद एक हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है कि दो लड़कियां गर्भवती निकलीं और एक एड्स पॉजिटिव निकली।’