आगरा। केन्द्र और प्रदेश सरकार बाल श्रम रोकने के लिए कठोर कानून ला कर कार्यवाही कर रही है तो उसे खत्म करने के लिए कई योजनाएं भी चला रही है लेकिन इसके बाद भी बाल श्रम में कोई कटौती नही है बल्कि बालश्रम बढ़ता चला जा रहा हैं। इसका कारण क्या हैं यह बात उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने मुस्कान शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र पर कही।
बुधवार को उत्तर प्रदेश ग्रामीण श्रमिक शिक्षा संस्थान की ओर से एम.वी.एफ, बाटा शूज, एस्ट्रो म्युलर ग्रुप, डाइसमन और स्टोप चाईल्ड लेबर, लेबर फेयर एसोसियसन के सहयोग से चल रहे मुस्कान शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण करने के लिए शू फैक्टी के मालिकों ने विजिट की थी। इस दौरान विजिट करने वाले प्रतिनिधि मंडल सभी संचालित शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्र की व्यवस्था शिक्षा प्रणाली देखकर सहारना की। इस दौरान बच्चों के चेहरों पर अलग की मुस्कान थी जिससे देखकर सभी प्रभावित नजर आए।
इस दौरान बच्चों को संबोधित करते हुए सभी ने अपने विचार रखे। जिसमे उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने अपना दर्द भी बयां किया। उनका कहना था कि बालश्रम सिर्फ गरीब बच्चा ही मिलेगा। बाल श्रम में मासूमों के
फंसने का बड़ा कारण ही गरीबी को बताया। उन्होंने साफ कहा कि बाल श्रम से गरीबी नहीं हैं बल्कि गरीबी से बाल श्रम हैं। यदि गरीबी हट जाए तो बाल श्रम खुद व खुद समाप्त हो जाऐगा।
उनका कहना था कि आज श्रमिक की न्यूतम आय नहीं हैं। उसे हर रोज काम नहीं मिलता हैं यही कारण हैं कि पूरा परिवार आजीविका चलाने कि जंग में अपने बच्चों को भी शामिल कर लेते हैं। तुलाराम शर्म ने बताया कि लम्बे समय संगठन के माध्यम से सरकार से मांग की जा रही हैं कि श्रमिकों की न्यूनतम आय निधारित की जाए। बजट 2019 में सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन की तो घोषणा कर दी लेकिन न्यूनतम आय को लेकर कोई घोषणा नहीं की। जबकि उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन की मांग है कि श्रमिक की न्यूनतम मासिक आय 18 हजार रूपये तय की जाए , जिससे श्रमिक अपने परिवार का पालन पोषण सही प्रकार से कर सके।
इस दौरान आर वेकंट रेड्डी, सुभ्रदा गुप्त, रिचा मित्तल, राजीव मिश्रा, जोसब थोमर्स, अंजीम खान, संजय मिश्रा, संजय शर्मा, श्री निवास, पिंकी जैंन, चरन सिंह, दीपक रोय, मनीष गुप्ता, रवि दीश्रित, राजेश राणा, आदि लोग उपस्थित रहे।