Home » आख़िर क्यों सपा के पूर्व मंत्री और उनके सहयोगी कारोबारियों के यहां पड़ा आयकर का छापा

आख़िर क्यों सपा के पूर्व मंत्री और उनके सहयोगी कारोबारियों के यहां पड़ा आयकर का छापा

by pawan sharma

आगरा। गुरुवार सुबह होते ही अचानक आयकर विभाग की गाड़ियां सड़कों पर दौड़ने लगी। आयकर विभाग में हुई इस हलचल से माना जा रहा था कि कार्यवाही बड़ी है और निशाने पर कोई बड़ा कारोबारी है। कुछ ही देर में चलते चलते स्थिति साफ हुई और पता चला कि आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मंत्री व तेल कारोबारी शिव कुमार राठौर के ठिकानों पर छापा मारा है। यह कार्रवाई आगरा में 1-2 या 5-10 नहीं बल्कि एक साथ 19 ठिकानों पर थी।

कितने ठिकानों पर हुई कार्यवाई –

बताते चलें कि महेश ऑडिबल ऑयल मिल फर्म संचालित करने वाले शिव कुमार राठौर का सलोनी ब्रांड से सरसों का तेल का पूरे देश में कारोबार है। आयकर विभाग की टीमों ने आगरा के 19 ठिकानों समेत देश भर में कुल 28 स्थानों पर सर्वे व सर्च की कार्यवाही की। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग की ओर से की गई यह कार्रवाई गुरुवार सुबह 8:45 से शुरू हुई जिसमें शिव कुमार राठौर की विभव नगर स्थित कोठी के अलावा उनके भाई दिनेश राठौर के घर, संजय प्लेस स्थित ऑफिस समेत इस फर्म से जुड़े विभिन्न प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई हुई।

वहीं शिव कुमार राठौर के साथ कारोबारी संबंध रखने वाले और बड़े लेनदेन करने वाले सहयोगियों को भी इस पूरी कार्रवाई में निशाने पर लिया गया जिसमें मुख्य रूप से बुलंद हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड और संजय प्लेस स्थित होटल पीएल पैलेस के मालिक पीएल शर्मा और आरती कंस्ट्रक्शन के मालिक संतोष शर्मा के भी ठिकानों पर छापा मारा गया।

आयकर अधिकारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई देश भर में कुल 26 स्थानों पर की गई है जिसमें सर्वे व सर्च दोनों की कार्रवाई शामिल है। जहां सर्च यानी छापा 16 स्थानों पर है तो वहीं सर्वे 12 स्थानों पर किया जा रहा है। आयकर विभाग का मानना है कि कर चोरी के साथ साथ इन सभी में बढ़ा लेनदेन बिना किसी रिकॉर्ड के किया गया जो कि आयकर विभाग की नजर में अपराध की श्रेणी में आता है जिसके लिए यह जांच की जा रही है।

आगरा के बाहर यहां भी हुई कार्यवाई –

आगरा में जहां 19 ठिकानों पर कार्रवाई की गई तो वहीं उत्तर प्रदेश में मथुरा के दो और लखनऊ के एक ठिकाने पर भी आयकर विभाग की टीमें पहुंची। राजस्थान में कोटा, अलवर व जोधपुर में भी आयकर विभाग के अधिकारी छापा मारने के लिए पहुंचे जबकि दिल्ली में दो और कोलकाता में भी एक स्थान पर विभाग की टीमों ने दस्तावेज खंगाले। कार्यवाही के वक़्त शिव कुमार राठौर अपने निवास पर नहीं थे। शुरुआत में घर के लोगों ने उनके बारे में सही जानकारी नहीं दी लेकिन विभाग के लोगों की पूछताछ के बाद यह पता चला कि शिव कुमार राठौर लखनऊ में है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बात कर कार्यवाही में सहयोग का आश्वासन दिया है।

कारोबार का इतिहास –

इस पूरे मामले पर नजर डालें तो शिव कुमार राठौर लगभग 3 दशक से सरसों के तेल के कारोबार से जुड़े हैं। लगभग ढाई दशक पूर्व सरसों के तेल में मिलावट के चलते देश के बड़े-बड़े ब्रांडों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए थे और सरसों के तेल इस्तेमाल से ड्रॉप्सी नाम की एक बीमारी का खतरा पाया गया था। उस समय केवल सलोनी ब्रांड है ऐसा रहा जिसमें किसी भी तरह की मिलावट नहीं पाई गई थी। यही कारण रहा कि सलोनी तेल को पूरे देश में हाथों-हाथ लिया और कारोबार पूरे देश में फैल गया। वहीं सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव भी गाहे-बगाहे शिव कुमार राठौर के सलोनी ब्रांड सरसों के तेल की तारीफ करते रहे हैं और अपनी तंदुरुस्ती व पहलवानी के लिए उन्होंने सलोनी तेल की मालिश को कई बार मंच से स्वीकारा है।

छापे की जद में आए दूसरे कारोबारी पीएल शर्मा है। इनका पूरा नाम पुंडी लाल शर्मा है जो किसी जमाने में सिक्योरिटी सिक्योरिटी गार्ड के काम से जुड़े थे। बाद में खुद उन्होंने 1985 में सिक्योरिटी गार्ड की एजेंसी शुरू की और धीरे-धीरे करते कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में आए और आज इनका भी लंबा चौड़ा कारोबार है। वहीं दूसरे बड़े कारोबारी संतोष शर्मा है जो एनएचएआई के बड़े कांट्रेक्टर माने जाते हैं। दिल्ली गेट के किराए के मकान से रहते हुए वीडियो से अपना सफर शुरू करने वाले संतोष शर्मा ने बसपा सरकार के एक मंत्री से अपनी सही सेटिंग बैठाई और तेजी से अपना कारोबार बढ़ाया। बाद में आगरा के एक विधायक के सहयोग ने उन्हें पीडब्ल्यूडी में भी एंट्री करा दी जिसके बाद जिसके बाद भी तेजी से आगे बढ़ते चले गए और बाद में शिव कुमार राठौर के भी सहयोगी बने। जब दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हुआ तब संतोष शर्मा ने मध्य प्रदेश का रुख कर लिया और अब वहां के एक बड़े कॉन्ट्रैक्टर भी हैं।

फिलहाल आयकर विभाग इन सभी की दस्तावेजों को खंगाल रहा है और कार्रवाई जारी है। कार्रवाई पूरी होने के बाद ही विभाग इनकी ओर से की गई कर चोरी या अनअकाउंटेड लेन-देन का ब्यौरा देगा।

Related Articles

Leave a Comment