• दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करेंगे आईसीएमआर के पूर्व डीजी डॉ. वीएम कटोच, फंगल, बैक्टीरियल और अमीबिक बीमारियों पर होगी चर्चा
• कार्यशाला में 450 से अधिक देश विदेश के प्रतिनिधि लेंगे भाग, 300 रिसर्च पेपर व पोस्टर का होगा प्रस्तुतिकरण
आगरा। सामान्य आंखों से नजर न आने वाले व मानव शरीर को कोरोना, टीबी जैसे घातक बीमारियों के शिकंजे में जकड़ने वाले सूक्ष्म जीवों की पहचान व इलाज पर दो दिवसीय कार्यशाला यूपी-यूके माइक्रोकॉन 2024 में मंथन करने के लिए देश भर के 450 से अधिक विशेषज्ञ जुटेंगे। इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट द्वारा 9,10 फरवरी को आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ 9 फरवरी को सायं 7 बजे खंदारी परिसर स्थित जे पी सभागार में आईसीएमआर के पूर्व डीजी डॉ. वी एम कटोच करेंगे। इस अवसर पर विवि की कुलपति आशु रानी, इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. भारती मल्होत्रा, एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. प्रशान्त गुप्ता भी मौजूद रहेंगी।
यह जानकारी आयोजन समिति के सचिव डॉ. अंकुल गोयल ने देते हुए बताया कि 9 फरवरी को एसएन मेडिकल कॉलेज में प्रातः 9 से सायं 5 बजे तक 6 वर्कशॉप (दो माइक्रोबायोलॉजी विभाग में, एक गेस्ट हाउस में, दो न्यू सर्जरी बिल्डिंग में, एक स्टेट ट्यूबरक्लोसिस डिमोन्सट्रेशन सेन्टर में) आयोजित की गई हैं। जिसमें माइक्रोऑरगेनिज्म (फंगल, बैक्सीटिरीयल, वायरल इनफेक्शन) से होने वाली बीमारियों के साथ उसके कारण, इलाज के लिए 150 से अधिक प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक प्रयोग व उसके कारण माइक्रोऑरगेनिज्म में दवाओं के प्रति पैदा होने वाली प्रतिरोधकता जैसे गम्भीर विषयों पर डॉक्टरों के साथ पैनल डिसकशन में चर्चा होगी। 300 से अधिक रिसर्च पेपर व पोस्टर का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।
10 फरवरी को बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की जागरूकता के लिए निकलेगी वॉकथॉन
कार्यशाला के तहत 10 फरवरी को खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार से शहीद स्मारक तक वॉकथॉन का आयोजन किया जाएगा। जिसका अस्पताल व नर्सिंग होम के अलावा उद्देश्य घरेलू इलाज के दौरान निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण करने के प्रति जागरूकता पैदा करना होगा। वॉकथॉन में एसएन मेडिकल कालेज के विद्यार्थियों, डॉक्टर, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों सहित सैकड़ों लोग शामिल होंगे। जेपी सभागार में ही सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक साइंटिफिक सेशन आयोजित किए जाएंगे।