आगरा। थाने के एक दरोगा पर युवक ने मारपीट व अभद्रता करने के साथ-साथ झूठे मुक़दमे में जेल भेजने का आरोप लगाया है। बताते चलें कि आरोपी लगाने वाला युवक वांछित अभियुक्त का भाई था। अभियुक्त भाई को न्यायालय में पेश करने के लिए पुलिस को एक गाड़ी की जरूरत थी जिस पर अभियुक्त का भाई भाड़े पर गाड़ी ले आया था। आरोप है कि जरूरी कार्यवाई के बाद दरोगा उसकी गाड़ी को लेकर दिन भर घूमते रहे और किराया मांगने पर उससे मारपीट कर थाने से भगा दिया।
जानकारी के अनुसार थाना मनसुखपुरा में तैनात दरोगा सुखविंदर सिंह ने एक युवती के दर्ज मामले में वांछित अभियुक्त को सोमवार को गिरफ्तार कर आगरा न्यायालय में पेश करने के लिए गाड़ी मंगवाई थी। जिस पर गिरफ्तार आरोपी का भाई गांव करकौली निवासी कप्तान भाड़े पर गाड़ी लेकर थाने पहुंचा। थाना मनसुखपुरा से सब इंस्पेक्टर सुखविंदर सिंह दो पुलिसकर्मियों के साथ अभियुक्त को लेकर आगरा पहुंचे।अभियुक्त को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
युवक कप्तान का आरोप है कि उसके बाद दरोगा सुखविंदर सिंह बेवजह गाड़ी को आगरा में परिचितों के यहां घुमाता रहा। जब शाम हो गई तो दरोगा नाश्ता कराने के लिए रुपए मांगने लगा। नाश्ते के लिए रुपए नहीं देने पर उसके साथ गाली गलौज करते हुए अभद्रता कर दी। जब वह देर रात थाना परिसर मनसुखपुरा पहुंचे तो पीड़ित युवक ने दरोगा से भाड़े के 1500 रुपए मांगे जिस पर दरोगा आग बबूला हो गया और गाली गलौज करते हुए पीड़ित युवक के साथ मारपीट कर दी।
मारपीट के चलते युवक के कान में गंभीर चोट लग गई। आरोप है कि पीड़ित युवक को दरोगा ने धकियाते हुए थाने से बाहर निकाल दिया और युवक को झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी तक दी गई जिससे वह दहशत में आ गया। अपना अस्पताल में मेडिकल कराया है। मंगलवार को पीड़ित युवक कप्तान आगरा पहुंचा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगरा सुधीर कुमार को लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई और दरोगा के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की।
एसएसपी ने एसपी पूर्वी को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में दरोगा सुखविंदर सिंह का है युवक आरोपी का भाई है। युवक द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। वहीं इस मामले में थाना प्रभारी मनसुखपुरा गिरीश राजपूत का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है।