लखनऊ। प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम योगी को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों के हित में 1000 बसों के संचालन की अनुमति मांगने के लिए जो राजनीतिक दांव चला था, लगता है कि वह दांव उल्टा पड़ गया है। प्रियंका गांधी को शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि सीएम योगी उनके पत्र को स्वीकार कर इतनी जल्दी अनुमति प्रदान कर देंगे। योगी सरकार ने प्रियंका गांधी के नाम पत्र जारी कर न केवल प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए 1000 बसों के संचालन की मंजूरी दे दी है बल्कि अविलंब 1000 बसों की सूची, चालक-परिचालक के नाम और अन्य विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि 16 मई को प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम योगी को पत्र लिख 500 बसें गाजीपुर और गाजियाबाद बॉर्डर से जबकि 500 बस में नोएडा बॉर्डर से चलाने की अनुमति मांगी थी, साथ ही इन बसों का पूरा खर्चा कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाने का हवाला दिया गया था। इस पत्र का जवाब देते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने न केवल प्रियंका गांधी को 1000 बस के संचालन की अनुमति दी बल्कि इन बसों के पूरा विवरण भी उपलब्ध कराने की बात रखी।
अनुमति मिलने के बाद अब प्रियंका गांधी के सामने यह चुनौती है कि वह 1000 बसों की सूची, चालक और परिचालकों के नाम के साथ अन्य विवरण योगी सरकार के समक्ष कैसे सौंपेंगी। सवाल यह भी उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी के पास इतनी बसों का इंतजाम है। माना जा रहा है कि अपनी नाक बचाने के लिए जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां से बसों का इंतजाम करने की कोशिश की जा सकती है लेकिन यदि उन राज्यों से बसे ली जाती है तो वहां के परिवहन की व्यवस्था बिगड़ सकती है।
अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी वाड्रा योगी सरकार द्वारा उल्टे फेंके गए राजनीतिक दांव को भेद पाने में सफल हो पाती है या नहीं।
