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‘‘ऋषि का सद्ज्ञान मानव जीवन की गरिमा का बोध कराता है’’……..उमानंद शर्मा

by pawan sharma

गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘सेठ विश्म्भरनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी ब्रांच देवा, बाराबंकी, उ.प्र.’’ में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 406वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रीय कार्यकर्त्री श्री एम.के. निरंजन जी ने अपने पूर्वजों की स्मृति में भेंट किया साथ-साथ उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को भी एक-एक अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ’’ऋषि का सद्ज्ञान मानव जीवन की गरिमा का बोध कराता है, श्री वी.के. श्रीवास्तव, श्री एम.के. निरंजन, संस्था के निदेशक डॉ. अर्पिता सिंह, ने अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. विपिन बिहारी जी ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया।

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