- जगदीशपुरा भूमि मामले की हो निष्पक्ष जांच, दोषियों पर हो करवाई
- समाजसेवी सुभाष ढल ने उठाई आवाज, नहीं मिला न्याय तो मिलेंगे मुख्यमंत्री से
- जीवित व्यक्ति का बन गया मृत्यु प्रमाण पत्र, फर्जी वारिसान, जिला प्रशासन करे जांच
- केयरटेकर रवि कुशवाहा ने किसके कहने पर दी फर्जी गवाही जांच का विषय – ढल
आगरा। चर्चित जगदीशपुर भूमि प्रकरण पर भूमि के कथित मालिकों में से एक टहल सिंह के द्वारा स्वयं उपस्थित होकर प्रशासन और अदालत में जो बयान दिए गए हैं। उसे एक बात स्पष्ट होती है कि राजनीतिक नेता और उनसे जुड़े भूमि के व्यवसायी किसी उमा देवी को टहल सिंह की पुत्रवधू बताकर और उसका वारिस बनाकर जिस रवि कुशवाहा को बिगत 40 वर्षों से टहल सिंह का उस भूमि पर केयरटेकर बनाकर सहानुभूति बटोर कर जो खेल खेला जा रहा था उसका पर्दाफाश हुआ है। टहल सिंह के जिंदा होने और उनके बयानों ने उन साजिशें की पोल खोल दी है जो एक षड्यंत्र के तहत रचे गए थे। यह कहना है समाज सेवी आगरा कॉलेज बोर्ड ऑफ ट्रस्ट के मेंबर सुभाष ढल का। पुलिस लाइन स्थित होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान सुभाष ढल ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के साथ जिला प्रशासन से दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग उठाई। उन्होंने कहा किसी भी जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनना एक अपराध है। अदालत और प्रशासन के समक्ष टहल सिंह ने उपस्थित होकर अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया है अब प्रश्न यह उठता है कि उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र किन के इशारों पर कथित पीड़ित केयरटेकर रवि कुशवाहा की गवाही पर बना था?
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा जब टहल सिंह ने यह बता दिया कि उनके तीनों पुत्र जीवित हैं और वह पंजाब में रहते हैं तो उनके एक फर्जी जसवीर सिंह को उनका पुत्र बताते हुए उसका भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र केयर टेकर रवि कुशवाहा ने किसके इशारे पर बनवाया। उन्होंने कहा जब टहल सिंह ने स्पष्ट बोल दिया ना तो वह किसी उमा देवी को जानते हैं और ना ही उमा देवी उनकी पुत्रवधू है तो उमा देवी का फर्जी वारिसान प्रमाण पत्र और उस भूमि के फर्जी निवास प्रमाण पत्र किसके इशारे पर और किसने बनवाई और इसमें गवाह कौन है यह जांच का विषय है।
ढल ने प्रशासनिक कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा राजस्व अभिलेखों में किस तरह दर्ज हुआ जब कि राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज कराना एक लंबी प्रक्रिया है इस पूरे मामले में किसका दबाव था।
उन्होंने कहा अभी तक तहसील प्रशासन ने किसी राजनीतिक और आर्थिक दबाव के तहत उमादेवी और उसके साथियों के विरुद्ध कूट रचित दस्तावेजों को असली के रूप में प्रस्तुत करते हुए जो अपराधिक कृत्य किया है उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि फर्जी उमा देवी ने जो अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगी है अपनी तरफ से कमल चैधरी आदि के विरुद्ध जगदीशपुरा थाने में एफआईआर किसके दबाव में की थी। कूट रचित दस्तावेज के आधार पर मालिक बनी उमा देवी का आगरा पुलिस ने किस कानून के अंतर्गत उस भूमि पर कब्जा कराया। जब उमा देवी को टहल सिंह ने फर्जी पुत्र वधू सिद्ध कर दिया एवं जिस कथित केयरटेकर रवि कुशवाहा को टहल सिंह ने अपना केयरटेकर होने से इनकार करते हुए स्पष्ट कहा कि वह उसे नहीं जानते तो कूट रचित दस्तावेजों एवं फर्जी तथ्यों को असली बताते हुए उमा देवी और रवि कुशवाहा ने जो अपराधिक कृत्य किया उस पर पुलिस की कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं हो रही।।
उन्होंने कहा जिस कथित केयरटेकर का भाजपा सांसद राजकुमार चहर पीड़ित बताकर सहयोग कर रहे थे ऐसा सहयोग करने के पीछे उनकी मनसा क्या थी । इस पूरी साजिश को रचने के पीछे और कमल चैधरी और अन्य लोगों को बदनाम कर फर्जी लोगों को फर्जी दस्तावेज के सहारे कब्जा कराने के पीछे किसकी मंशा थी। यह सब जांच का विषय हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा जिलाधिकारी से मिलकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। आगर जिला प्रशासन पूरे मामले में निष्पक्ष जांच नहीं करता है तो उत्तर प्रदेश सरकार के न्याय प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर पीड़ितों को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे।