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उ०प्र० ग्रामीण मजदूर संगठन ने लिया मजदूरों के परिवार का जायज़ा, स्थिति जस की तस

by pawan sharma

आगरा। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती चली जा रही है। लगातार उनकी दयनीय स्थिति से प्रदेश और केंद्र सरकार को रूबरू कराया जा रहा है लेकिन सरकार इन मजदूरों की ओर कोई ध्यान नही दे रही है। सरकार अगर सहयोग करे तो इन मजदूरों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में बदलाव हो सकता है जिससे तह मजदूर भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। यह कहना था उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा का।

मंगलवार को संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने अपनी संस्था के सदस्यों के साथ फतेहबाद क्षेत्र के ईट भट्टो का दौरा किया और वहाँ काम कर रहे मजदूर और उनके बच्चों से वार्ता की। वार्ता के दौरान तुलाराम शर्मा ने उनकी समस्याओं को जाना और बच्चों को शिक्षित बनाने पर जोर दिया।

तुलाराम शर्मा का कहना है कि ईट भट्टो पर काम करने वाले मजदूर की स्थिति आज भी वही है जो 10 साल पहले थी। इस बार मोदी सरकार में मजदूरो की स्थिति सुधरने की उम्मीद थी लेकिन भाजपा सिर्फ कांग्रेस मुक्त भारत और गांधी परिवार को राजनीति से खत्म करने में ही जुटी रही जबकि सरकार की जिम्मेदारी इस देश को बनाने वाले मजदूर और खाद्यान उपलब्ध कराने वाले किसान के प्रति थी जिस जिम्मेदारी को मोदी सरकार ने नहीं निभाया और मजदूर की स्थिति दयनीय होती चली जा रही है।

वर्तमान परिदृश्य की राजनीति को लेकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि एक स्वच्छ राजनीति के लिए पक्ष और मजबूत विपक्ष की जरूरत होती है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को राष्ट्रविरोधी बताकर इस चुनाव को राष्ट्रवाद पर जीता और विपक्ष को खत्म कर दिया जो किसी भी तरह से देशहित में नही है।

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए तुलाराम शर्मा ने कहा कि पूरी भाजपा कांग्रेस मुक्त अभियान में जुट गई है लेकिन इतिहास गवाह है कि जो इस सोच को लेकर चलता है वो खुद भी खत्म हो जाता है। भाजपा सरकार को एक बार फिर आम व्यक्ति, मजदूर और किसान ने अपने नेतृत्व के लिए चुना है। सरकार को कांग्रेस मुक्त भारत छोड़कर अब असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और किसानों के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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