Agra. मोहब्बत की निशानी ताजमहल को निहारने के लिए प्रभु श्री कृष्ण की वेशभूषा में पहुंचा एक पर्यटक को उस समय निराशा हाथ लगी जब श्री कृष्ण की वेशभूषा के कारण उसे ताज महल के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया और उसे पश्चिमी गेट से लौटा दिया गया। बाद में यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुई तो कई लोगों इस घटना की निंदा की। सूत्रों की माने तो पुरातत्व विभाग ने पर्यटक को नियमों के चलते लौटाने की बात कह रहा है।
शनिवार शाम एक पर्यटक कृष्ण भगवान की वेशभूषा में अपने परिवार के साथ ताजमहल देखने के लिए पश्चिमी गेट पर पहुंचा था। युवक की वेशभूषा को देखकर ताजमहल की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने उसे ताजमहल में प्रवेश देने से मना कर दिया। इसके बाद पर्यटक काफी देर वहीं घूमता रहा और फिर वापस चला गया। पर्यटक का अन्य लोगों द्वारा वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया। वायरल वीडियो में पर्यटक कह रहा है कि कोई बात नहीं, हमें अब ताजमहल देखना ही नहीं है। हालांकि पर्यटक के बारे में कोई जानकारी नहीं हो पाई है।
आगरा के पुरातत्व अधीक्षक बसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि इस तरह की वेशभूषा में आने का मतलब यह है कि व्यक्ति कोई प्रमोशन करने के प्रयास में आ रहा है, वरना कोई ऐसे ताजमहल देखने क्यों आएगा। ताजमहल परिसर में आकर किसी भी तरह के प्रमोशन पर रोक है। इसलिए पर्यटक को प्रवेश नहीं दिया गया है। ताजमहल 1990 के बाद से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में रहता है। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसी भी तरह के कमर्शियल प्रमोशन और अन्य देश के झंडे आदि लाने पर रोक है। हालांकि धार्मिक वेशभूषा पर कोई रोक नहीं है। यहां पुलिसकर्मी वर्दी में जा सकता है और साधु भगवा पहन कर जा सकता है। ऐसा माना जा सकता है कि पर्यटक द्वारा कृष्ण वेश में आने के दौरान रूप बदलने पर सुरक्षा की दृष्टि से उसे प्रवेश न दिया गया हो।