- छलेसर फिरोजाबाद रोड स्थित मंदिर में बिखरेगी दक्षिण भारतीय एवं महाराष्ट्रियन संस्कृति की छटा
- दक्षिण भारतीय पूजा पद्वति से होगा प्रथम पूज्य देव गणेश का महाभिषेक, पालकी यात्रा में उमड़ेगा आस्था का सैलाब
- इंडियाज गॉट टैलेंट फेम क्रेजी हॉपर एवं विश्व प्रसिद्ध नासिक ढोल भी देंगे प्रस्तुति, कथककली नृत्य होगा आयोजन में विशेष आकर्षण
आगरा। दक्षिण भारतीय पूजन पद्वति के साथ वैदिक मंत्रों का उच्चारण एवं महाराष्ट्रियन नृत्य कला का संगम देखने को मिलेगा छलेसर फिरोजाबाद रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर में। 05 मई, दिन रविवार को श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर का द्वितीय वार्षिकोत्सव समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में भव्यता और नवीनता को देखते हुए आस्था का सैलाब उमड़ने की पूरी उम्मीद है।
एनआरएल ग्रुप के चैयरमेन एवं आयोजक हरिमोहन गर्ग ने बताया कि पांच मई को सुबह से ही मंदिर में भव्य और दिव्य आयोजन आरंभ हो जाएंगे। सुबह श्रीवरद वल्लभा महा गणपति का महाभिषेक एवं पूजन के साथ महोत्सव आरंभ होगा। इसके बाद सायंकाल 6 बजे मंदिर परिसर में ही पालकी यात्रा निकाली जाएगी एवं सायं 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
दक्षिण भारत की परंपरागत नृत्य शैली कथककली की प्रस्तुति सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आकर्षण प्रदान करेगी। इसके अलावा नासिक ढोल, लावणी नृत्य एवं इंडियाज गॉट टैलेंट फेम क्रेजी हॉपर अपनी आकर्षक प्रस्तुति देंगे। 50 से अधिक कलाकार सांस्कृतिक संध्या को अपनी दमदार प्रस्तुति से सजाएंगे। महोत्सव कांचीपुरम् से भरनीधरन आर के सानिध्य में पूर्ण होगा एवं यज्ञाचार्य सबरी राजन भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
12 वर्ष की अथक साधना का परिणाम है मंदिरः
हरिमोहन गर्ग ने बताया कि 12 वर्षों की अथक साधना के बाद दक्षिण भारतीय शैली में विघ्न विनाशक भगवान गणेश का अष्टकोणीय मंदिर आगरा में दो वर्ष पूर्व बना था। मंदिर में स्थापित गणेश जी के विग्रह को पद्मश्री पेरूमल सत्पति ने बनाया था। श्रीविग्रह ही एक वर्ष में बनकर तैयार हो सका था। इस विग्रह की विशेषता है कि ये ब्ल्यू ग्रेनाइट के एक पत्थर को एक वर्ष तक अनवरत तराश कर बनाया गया। गणपति जी की ये प्रतिमा चार फुट उंची है और वजन करीब तीन टन है।
आयोजन से बाधित नहीं होगी यातायात व्यवस्थाः
श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर के वार्षिकोत्सव की दिव्यता के साक्षी बनने के लिए अन्य शहरों से श्रद्धालु पहुंचेंगे। छलेसर फिरोजाबाद रोड हाइवे पर होने के कारण यातायात व्यवस्था सुचारु रखने में किसी तरह की बाधा न आए इसलिए सभी आयोजन मंदिर प्रांगण में ही होंगे। गणपति जी की पालकी यात्रा भी मंदिर परिसर में ही निकाली जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच भी मंदिर प्रांगण में ही तैयार किया जा रहा है।
विशेष फूलों से होता गणपति जी का श्रंगारः
श्रीवरद वल्लभा महागणपति जी का प्रतिदिन विशेष फूलों से श्रंगार किया जाता है। दिल्ली से प्रतिदिन गुलाब के विशेष प्रजाति के फूल आते हैं, जिनसे श्रीविग्रह को सजाया जाता है।