Agra. आगरा में डेंगू का प्रकोप तेजी के साथ बढ़ रहा है। डेंगू छोटे बच्चों के साथ-साथ युवाओं और वृद्धों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज में डेंगू के 23 मरीज भर्ती हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार एसएन के बाल रोग विभाग में 12 बच्चे ऑल मेडिसिन विभाग में 11 डेंगू के मरीज भर्ती हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ प्रशांत कुमार ने बताया कि डेंगू मरीजों के लिए मेडिसिन विभाग में एक और वार्ड तैयार किया गया है तो वहीं डेंगू का शिकार हुए छोटे-छोटे बच्चों के लिए बाल रोग विभाग में 12 और 14 वार्डों के अलग से वार्ड तैयार किए गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अगर डेंगू के पेशेंट बड़े तो व्यवस्थाओं में भी इजाफा किया जाएगा जिससे डेंगू मरीजों का अच्छे से इलाज हो सके।
तीन तरह का होता है डेंगू –
एसएन मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर प्रशांत गुप्ता ने बताया कि तीन तरह का डेंगू होता है। एक डेंगू फीवर, दूसरा डेंगू हैमरेजिक फीवर और तीसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम होता है। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक डेंगू ‘शॉक सिंड्रोम’ होता है।
शॉक सिंड्रोम का शिकार हो रहे है बच्चे –
डेंगू का शिकार हुए बच्चे शॉक सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं। यह डेंगू का ही एक रूप है। शॉक सिंड्रोम डेंगू की सबसे सीवियर कंडीशन होती है। यह शरीर के कई अंगों पर अपना प्रभाव छोड़ता है जिसके कारण मरीज के अंदर शॉक की स्थिति पैदा हो जाती है।
तीन बच्चे पहुंचे सीरियस कंडीशन में –
डॉ प्रशांत कुमार ने बताया कि डेंगू के जो मरीज भर्ती हैं उनमें तीन बच्चों की कंडीशन खराब है। जिनका इलाज बाल रोग विभाग के आईसीयू में किया जा रहा है।