कोरोना महामारी की दूसरी लहर के भयावह असर को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर नजर आने लगी हैं। कहीं इलाज के लिए दवाइयों से लेकर ऑक्सीजन बेड्स तक की कमी देखी गई तो कहीं इलाज के लिए पर्याप्त स्वास्थ्यकर्मियों का ना होना। देश के ऐसे बिगड़ते हालातों को देखते हुए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा एएफएमएस कोरोना के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ने के लिए 11 महीनों के लिए 400 रिटायर्ड डॉक्टर्स की भर्ती करने की तैयारी में है। रक्षा मंत्रालय ने सन 2017 और 2019 के बीच रिटायर्ड हुए डॉक्टर्स की भर्ती को लेकर एएफएमएस को अनुमति देने का आदेश पारित किया है।
बता दें रक्षा मंत्रालय के सशस्त्र बल और अन्य विंग्स कोरोना के खिलाफ जंग करने के सबसे आगे रहे हैं। कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस मुश्किल घड़ी से निपटने के लिए कोविड अस्पतालों की स्थापना भी सशस्त्र बलों द्वारा की गई है। अलावा इसके ऑक्सीजन उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए भी अपना भरपूर योगदान दिया है। सशस्त्र बलों द्वारा चिकित्सा कर्मचारियों और ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट कराया गया है। साथ ही राज्य सरकारों के लगातार संपर्क में रहकर हर संभव मदद की गई।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चिकित्सा अधिकारियों को एक निश्चित एकमुश्त मासिक राशि का भुगतान किया जाएगा,जिसकी गणना सेवानिवृत्ति के समय लिए वेतन से मूल पेंशन में कटौती करके की जाएगी। अगर विशेषज्ञों के लिए कोई अतिरिक्त भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है तो वह भुगतान भी एक मुश्त राशि के ऊपर से किया जाएगा। एएफएमएस द्वारा पूर्व में कई अस्पतालों में विशेषज्ञों, सुपर विशेषज्ञों और पैरामेडिकल कर्मियों सहित अतिरिक्त डॉक्टर्स की तैनाती की गई है। इसके साथ ही एसएससी डॉक्टरों की सेवाओं को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया है।