आगरा। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के गुरु पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा मिठठा खूह साहिब पातशाही नवी महर्षि पुरम पर बड़े श्रद्धा भाव के साथ कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इस कीर्तन दरबार में संगत ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और गुरु साहिब के समक्ष माथा टेक पूजा आराधना की। इस अवसर पर गुरप्रीत सिंह द्वारा श्री रहिरास साहिब जी के पाठ के साथ कीर्तन दरबार की शुरुआत की।
कीर्तनकार कुलदीप सिंह कोमल द्वारा शब्द गुरवाणी कीर्तन सुनकर समूह संगत भाव विभोर हो गयी। सीस दीया पर सिरर ना दीया, धरम हेत साका जिन कीया और जो नर दुख मे दुख नहीं माने सुख सनह अरु भय नाहि जाके कनचन माटी माने, ढीकर फोर दलीस सिर प्रभू पुर कीया पयान, हरजोत सिंह द्वारा कीर्तन कथा कर गुरुओ की शहादत का वर्णन कथा के माध्यम से संगतो मे सांझा कीया। गुलजीत कौर ने कीर्तनकर संगतो को गुरु घर से जोड़ा। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे ग्रंथी दलजीत सिंह द्वारा अरदास के साथ सभी धर्म प्रेमियो ने गुरु का अटूट लंगर छका। बाबा सुरेन्द सिंह द्वारा आई संगतो का जी आया नु आभार जताया।
कीर्तन दरबार में बाबा सुरेंद्र सिंह, प्रभजोत सिंह, श्याम भोजवानी, देवेंद्र सिंह, सुरजीत सिंह, कंवलजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, अमरजीत सिंह बख्शी, जुगेंद्र सिंह, रिंकू वीर आदि मौजूद रहे।