आगरा। मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट लोकसभा में पेश किया। बजट पेश करने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेजी के साथ शुरू हो गई हैं। आगरा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित के साथ-साथ शहर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चिल्लू ने मोदी सरकार के इस बजट को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज दीक्षित का कहना था कि आज लोकसभा में पेश हुआ बजट मात्र उद्योग पतियों का बजट है जिसमें गरीबों का कोई स्थान नहीं है। इस बजट में देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था, महंगाई व बेरोजगारी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इस बजट से किसान, मजदूर व निम्न वर्ग को काफी उम्मीदें थी लेकिन सभी की झोली खाली रही। उन्होंने कहा कि निर्मला ताई यह कहकर छुटकारा पा सकती हैं कि मैं गरीब नहीं हूं इसलिए मुझे गरीबों का दर्द नहीं मालूम है।
पूर्व जिला अध्यक्ष दुष्यंत शर्मा ने बताया कि यह बजट पूरी तरह से निराशा देने वाला है। इस बजट में सरकार ने सिर्फ लोक लुभावने वायदे किए हैं और बुनियादी ढांचे पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है। गरीब, मजदूर, किसानों को इस बजट से कोई फायदा नहीं मिलेगा।
पीसीसी सदस्य प्रताप सिंह बघेल ने इस बजट पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उनका कहना था कि पहले से ही आम व्यक्ति बढ़ती महंगाई से, युवा बेरोजगारी से परेशान है। सरकार इन मुद्दों पर बात नही करती है और बजट में भी इस पर कोई ध्यान नही दिया गया है। यह निराशा जनक बजट है।
शहर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चिल्लू का कहना था कि मोदी सरकार का आम बजट किसानों, छात्रों व दलित विरोधी है। देश की अर्थव्यवस्था गिरती चली जा रही है। बढ़ती बेरोजगारी पर कोई ध्यान नही दिया गया है। किसानों की फसलों की उपज का न्यूनतम मूल्य नहीं बढ़ाना, इस सरकार की ओछी और छोटी मानसिकता को उजागर करता है। मेरे लिहाज से ये आम बजट पूरी तरह से बड़े सोच समझ कर मोदी जी के कुछ बड़े उद्योगपति मित्रों के लिए तैयार किया गया है। आम जनता के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है।
शहर कांग्रेस कमेटी आगरा प्रवक्ता/ मीडिया प्रभारी आई डी श्रीवास्तव का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े उपक्रम एलआईसी को बेचने की योजना इस बजट में बना ली गई है जिसका फायदा कुछ गिने चुने बड़े उद्योगपतियों को मिलने जा रहा है। देश की गिरती अर्थव्यवस्था, महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी के बारे में बजट में कुछ भी नहीं किया गया है। देश का नौजवान व्यापारी, छात्र और अन्नदाता किसान इस बजट से पूरी तरह से निराश है।