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केंद्र सरकार की बड़ी मुश्किलें, शुरू हुआ अन्ना का अनशन

by pawan sharma

नई दिल्ली। देश को आजादी दिलाने के लिए 23 मार्च को ही देश के महान क्रांतिकारी भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव ने अपना बलिदान दिया दिया था। उस समय महान क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश हुकूमत को भारत से खदेड़ने के लिए लड़ाई लड़ी थी। तो समाजसेवी अन्ना हजारे ने 23 मार्च से देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने और किसानों को उनका हक दिलाने के लिए आंदोलन की शुरुआत कर दी है।

समाजसेवी अन्ना हजारे के लिए छह साल बाद एक बार फ‍िर दिल्‍ली का रामलीला मैदान कुरुक्षेत्र बन गया है। इस महाआंदोलन की शुरुआत करने से पहले अन्ना हजारे सुबह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर पहुँचे और महात्मा गांधी को नमन किया। इसके बाद अन्‍ना सीधे रामलीला मैदान पहुंचे और अपने हजारों समर्थकों की मौजदूगी में मंच से तिरंगा लहरा कर अपने आंदोलन और अनशन की शुरुआत की।

अन्ना हजारे की हौसला अफजाई के लिए अनशन के पहले दिन भारी संख्या में उनके समर्थक रामलीला मैदान पहुंचे और यह आलम 2011 के आंदोलन की तरह दिखाई दे रहा था अन्ना ने अपने इस आंदोलन के साथ ही लंबी लड़ाई के के संकेत दिए है।

अन्ना के अनसन को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। रामलीला मैदान के चारों तरफ व अंदर भी चप्पे-चप्पे पर पैरामिलिट्री व दिल्ली पुलिस तैनात है।

रामलीला मैदान के अंदर, मंच के चारों तरफ व मैदान में प्रवेश व निकासी वाले सभी द्वारों पर पर्याप्त पुलिसकर्मी मौजूद है। लोगों को मेटल डिटेक्टर से गुजरने और मैन्युअल जांच करने के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है।

अन्ना के इस आंदोलन में भारी संख्या में देशभर से किसान शामिल हो रहे है। इस आंदोलन से अन्ना किसानों आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

अपने इस आंदोलन की सुरुआत करते हुए अन्‍ना ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को 42 बार पत्र लिखा लेकिन सरकार लोकपाल, किसानों की समस्या और भ्रष्टाचार को रोकने के प्रति संजीदा नहीं है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज चले गए लेकिन लोकतंत्र नहीं आया।

अन्ना का यह आंदोलन केंद्र में लोकपाल एवं सभी राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग के साथ-साथ सिटिजन चार्टर लागू हो।

अन्ना हजारे ने कहा कि हमारा कहना है कि सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग, चुनाव आयोग, नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए और उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए।

ऐसे किसान जिसके घर में किसान को कोई आय नहीं है उसे 60 साल बाद 5000 हजार रुपया पेंशन मिलनी चाहिए।संसद में किसान बिल को पास करो, क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है।

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