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एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर फ़िल्म पर छाए संकट के बादल, इस शहर के सिनेमाघरों की बढ़ी मुश्किलें

by pawan sharma

आगरा। डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने और उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान के अनुभवों को लेकर बनाई फिल्म एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर रिलीज होने से पहले ही इस फ़िल्म पर खुलकर राजनीति शुरु हो गयी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस फ़िल्म के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है और इस फ़िल्म को रिलीज न होने देने की बात कह रहे है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल पर बनी यह फ़िल्म 11 जनवरी को रिलीज हो रही है।

इस फ़िल्म को देश के सिनेमा घरों में न चलने देने को लेकर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ता संजय टॉकीज पहुँचे जहाँ सभी ने संजय टॉकीज के मैनेजर से मुलाकात की और ज्ञापन सौपते हुए इस फ़िल्म को टॉकीज में चलाए जाने की मांग की। इस फ़िल्म में डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहने के दौरान गांधी परिवार का जिस तरह से उन पर भारी दबाव और कई बड़े निर्णय में पार्टी नेताओं का दखल रहता था, इस बात को प्रमुखता के साथ दिखाया गया है और दर्शाया गया है कि वास्तव में मनमोहन सिंह पार्टी के दबाव में ही निर्णय लेते थे।

लोकसभा चुनावों से ठीक पहले इस फिल्म के आने से कांग्रेस को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है तो गांधी परिवार पर भी इस फ़िल्म से निशाना साधा जा रहा है जिसे भाजपा बखूभी भुनाने में लग गयी है। इतना ही नही भाजपा ने इसे अपने ट्विटर हैंडल पर डाल दिया है।

युवा कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस फ़िल्म में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल को तोड़ मरोड़ कर दर्शाया गया है। इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट
मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की पुस्तक पर आधारित है। लिहाजा अब निशाने पर संजय बारू भी आ चुके है।

इस फ़िल्म को लेकर पार्टी हाईकमान की ओर से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नही आई है और ना ही पार्टी हाईकमान ने इस फिल्म का कोई विरोध किया है लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता अपने आप में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष है और वह पार्टी से जुड़े किसी भी मामले पर खुलकर बोलने को तैयार है। उसे किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी फिल्म को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्व में उड़ता पंजाब फिल्म को पंजाब में हुए चुनाव से पहले कांग्रेस ने इसी तरह से हवा दी थी और बीजेपी को घेरा था।

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