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ताज महोत्सव : रेल प्रदर्शनी में गांधी-नेहरू की पहली रेल यात्रा का मॉडल बना आकर्षण का केंद्र

by admin

आगरा। शिल्पग्राम में चल रहे ताज महोत्सव में रेलवे विभाग की ओर से रेल प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी में आगरा मंडल द्वारा भारतीय रेल के 1853 से आज तक के सफर को प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी को देखने और रेलवे इतिहास को जानने के लिए ताज महोत्सव देखने आने वाले लोग इस प्रदर्शनी का भी बढ़-चढ़कर अवलोकन कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी को देखकर लोग काफी उत्साहित हैं क्योंकि इस प्रदर्शनी में रेलवे की प्रगति के इतिहास के साथ-साथ उनके प्राचीन और आधुनिक मॉडलों को पेश किया गया है और चित्र के माध्यम से रेलवे के इतिहास की जानकारी दी गयी है।

प्रदर्शनी में डीजल रेल इंजन कारखाना, वाराणसी द्वारा निर्मित नई तकनीक का ड्यूल कैब वाला 4500 अश्वशक्ति का AC WDP-4 लोको मॉडल, WDG-4 लोको मॉडल, WAP-7 लोको मॉडल, इस प्रदर्शनी की शोभा बढ़ा रहे हैं तो डीजल रेल इंजन आधुनिकरण कारखाना पटियाला द्वारा निर्मित लकड़ी का WDM-3D लोको मॉडल, व्हीलसेट मॉडल, लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। आधुनिक तकनीक से सुसज्जित तेजस, हमसफर, अंत्योदय गाड़ियों के कोच मॉडल भी प्रदर्शित किए गए हैं।

प्रदर्शनी स्थल पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन का मॉडल, ओ.एच. ई निरीक्षण यान बच्चों के मन को मोह रहे हैं। इसके साथ ही गोरखपुर लोकमान्य तिलक के एसी कोच चितरंजन से लाया गया है। नई दिल्ली जयपुर के डबल डेकर का मॉडल को भी देखकर लोग उत्साहित नजर आए। इस प्रदर्शनी के माध्यम से मालगाड़ी के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए और लोगों को बताया कि किस तरह से खानों से लेकर व्यावसायिक समान को सुरक्षित ले जाया जाता है।

इस प्रदर्शनी के माध्यम से आगरा से होकर चलने वाली ट्रेनों की समय सारणी, महिला यात्रियों को दी जाने वाली सुविधा, आरक्षण विकल्प सुविधा, तत्काल आरक्षण सेवा, मोबाइल से अनारक्षित टिकट सुविधा की भी जानकारी भी दी गई।प्रदर्शनी में आजादी से पूर्व के अनेक दुर्लभ चित्रों जैसे राष्ट्रपति महात्मा गांधी के रेल यात्रा, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की प्रथम रेल यात्रा फोटो सहित प्रदर्शनी में दर्शाया गया है। इन चित्रों को देखकर लोग काफी उत्साहित नजर आए और उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि आजादी के दौरान लोग किस तरह से यात्रा करते थे।

रेलवे के नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सांस्कृतिक अकादमी द्वारा नुक्कड़ नाटक पेश किया गया। इस नाटक के माध्यम से जनता को मानव रहित फाटक को पार करते समय सावधानी बरतने, प्लेटफार्म पर गंदगी न फैलाने, पायदान एवं छत पर यात्रा करने, टिकट लेकर यात्रा करे। लपको से सावधान, अनावश्यक जंजीर ना खींचने और वातावरण को स्वच्छ रखने के प्रति जागरूक किया गया।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को रेलवे के इतिहास से रूबरू कराना है। इस प्रदर्शनी में लगे मॉडलों और चित्रों के माध्यम से आने वाले लोगों ने रेलवे के इतिहास में रुचि दिखाई है। प्रदर्शनी में मौजूद रेलवे अधिकारियों ने लोगों की रेलवे से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को भी शांत कर रहे हैं।

वहीं इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे लोगों का कहना था कि रेलवे का यह एक अनूठा प्रयास है, इस प्रदर्शनी में रेलवे के इतिहास से जुड़ी हर जानकारी है साथ ही प्राचीन और आधुनिक तीनों के मॉडल को भी इस प्रदर्शनी में दर्शाया गया है।

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